UPSC में 93 रैंक हासिल करने वाले प्रदीप ने कहा- माता-पिता का संघर्ष अब खत्म हुआ
इंदौर
इंदौर के प्रदीप सिंह ने UPSC ऑल इंडिया में 93 रैंक हासिल की है. प्रदीप सिंह ने कहा कि जब UPSC का रिजल्ट आया और उन्हें पता चला कि उन्होंने UPSC में 93 रैंक पाई है, तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ. वहीं प्रदीप ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. प्रदीप का कहना है कि उनके माता-पिता ने उनकी सफलता के लिए बहुत संघर्ष किया है. अब उनके संघर्ष को खत्म करने का समय आ गया है.
प्रदीप ने कहा कि उन्होंने बचपन से ही सोच रखा था कि बड़े होकर उन्हें कलेक्टर बनना है और आज उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं. प्रदीप ने कहा कि "मैं कलेक्टर बनकर महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा और देश के लिए काम करना चाहता हूं." प्रदीप ने यह भी कहा कि UPSC की परीक्षा पास करने के लिए सिर्फ मन में एक दृढ़ निश्चय होना चाहिए, उसके बाद सब कुछ मुमकिन है. बता दें कि मध्य प्रदेश के रहने वाले प्रदीप मूल रूप से बिहार के निवासी हैं और दिल्ली में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.
UPSC में 93वीं रैंक पाने वाले प्रदीप सिंह फिलहाल दिल्ली में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. गरीबी हालत में उनके माता-पिता ने बच्चों को पढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. प्रदीप सिंह के पिता ने बताया कि वे अब भी नौकरी करते हैं. अपनी जरूरतों को कम कर उन्होंने बच्चों को पढ़ाया और उसी का नतीजा है कि बेटे ने आज UPSC पास किया है. उन्होंने कहा कि प्रदीप को प्रतियोगी पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजने के लिए जब उनके पास पैसे नहीं थे, तो उन्होंने अपने मकान को बेच दिया. तब से पूरा परिवार किराए के मकान में रह रहा है. इसके अलावा मां ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए अपने गहने तक बेच दिए और कुछ को गिरवी रखवा दिया. दिल्ली जाते वक्त प्रदीप ने मां को भरोसा दिलाया था कि उसका चयन जरूर होगा और हुआ भी.
इंदौर डीएवीवी से पढ़ाई करने के बाद प्रदीप दिल्ली चला गया और वहीं पर अपनी पढ़ाई जारी रखी. वहीं UPSC में प्रदीप के चयन की सूचना मिलते ही परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है. कई रिश्तेदार भी उनके घर पहुंचे और गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई दी. परिजनों ने घर पर केक काटकर खुशियां मनाई. इस दौरान प्रदीप वीडियो कॉल के माधयम से परिजनों के साथ बने रहे.