UP में कोरोना वायरस के डर से अबतक 7 ने की आत्महत्या, 3 सुसाइड अप्रैल में तो 4 मार्च महीने में

लखनऊ 
कोरोना वायरस के खौफ से उत्तर प्रदेश में अभी तक सात लोगों ने आत्महत्या कर ली है। पिछले 24 घंटे में तीन सुसाइड के केस सामने आए हैं। वहीं मार्च के महीने में चार लोगों ने कोविड-19 के डर से जान दे दी थी। हाल में आत्महत्या करने वाले तीन लोगों में सहारनपुर का एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल है। इसके अलावा शामली और बरेली से भी आत्महत्या की खबर सामने आई है।

सहारनपुर में 38 वर्षीय क्लर्क ने शेरमऊ इलाके में गन्ना विकास परिषद के ऑफिस में बुधवार शाम पंखे से लटककर जान दे दी। नकुर एरिया के सर्कल ऑफिसर यतेंद्र सिंह नागर ने बताया कि क्लर्क के पॉकेट से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है कि वो अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर था। वहीं इस मामले पर सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि आत्महत्या करने वाला शख्स डिप्रेशन में था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। लोगों को वायरस से डरने की बजाय जरूरी सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
 

इसी तरह शामली जिले में एक 35 वर्षीय सब्जी बेचने वाले ने क्वारंटाइन वार्ड में गुरुवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके सैंपल को मेरठ लैब में कोरोना टेस्टिंग के लिए भेजा गया है। शामली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत जायसवाल ने बताय कि एक वार्ड ने शव को पंखे से लटके हुए देखा था। इसके बाद चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) संजय भटनागर ने इस संबंध में प्रशासन को सूचित किया। एसपी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोर्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

मृतक दिल्ली में सब्जी बेचा करता था। 30 मार्च को वह अपने गांव लौटा था। वह बीमार था। अगले दिन उसने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया और खुद को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा। बाद में उसे क्वारंटाइन वार्ड में भर्ती किया गया और टेस्ट के लिए सैंपल मेरठ लैब भेजा गया था। आज उसकी रिपोर्ट आनी थी लेकिन उसने पहले ही आत्महत्या कर ली।
 
वहीं बरेली में एक 23 वर्षीय प्रवासी मजदूर क्वारंटाइन सेंटर से भाग गया। वह लखीमपुर अपने परिजनों से मिलने के लिए जा रहा था लेकिन उसे जैसे ही पता लगा कि पुलिस उसे खोज रही है, उसने आत्महत्या कर ली। यह युवक 28 मार्च को गुरुग्राम से अपने राज्य लौटा था। सरकारी आदेश के मुताबिक उसे क्वरांटाइन सेंटर में रखा गया था। इससे पहले भी वह दो बार अपने परिजनों से मिलने के लिए भाग चुका था लेकिन दोनों बार पुलिस उसे पकड़कर लाई और वार्ड में भर्ती कर दिया। लेकिन तीसरी बार वह फिर भागा और अंत में आत्महत्या कर ली।

इससे पहले 31 मार्च को एक किसान ने मथुरा में आत्महत्या कर ली थी। किसान को सर्दी और बुखार था। पूरे गांव को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया। वहीं 24 मार्च को सर्दी-बुखार से परेशान एक युवक ने कानपुर में आत्महत्या कर ली थी। उसे डर था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया है। वहीं दो अलग-अलग घटनाओं में हापुड़ और बरेली में दो युवकों ने आत्महत्या कर ली थी। दोनों को डर था कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।

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