UN में आज पीएम मोदी का भाषण, बिना नाम लिए आतंक पर PAK को घेरेंगे

 
नई दिल्ली 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें सत्र को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे भाषण देंगे. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंकवाद पर हमला बलेंगे. वो अपने भाषण के दौरान विश्व समुदाय को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषण में आतंकवाद का जिक्र कर सकते हैं. तीन देशों के प्रमुखों के बाद पीएम मोदी का भाषण होगा.

माना जा रहा है कि भारत का भाषण वैश्विक विकास की ओर पर भी केंद्रित हो सकता है. वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 6 देशों के संबोधन के बाद 7वें नंबर पर विश्व के सामने अपनी बात रखेंगे.

चाबहार पर रूहानी से मोदी ने की बात
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के बीच गुरुवार को बैठक हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह और इसकी महत्ता पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने इसके अलावा द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और साझा हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर विचार साझा किए. दोनों नेताओं ने 2015 में उफा में अपनी पहली बैठक के बाद द्विपक्षीय रिश्तों में हुई प्रगति की सकारात्मक समीक्षा की.

विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने विशेष रूप से चाबहार बंदरगाह के परिचालन का उल्लेख किया और अफगानिस्तान और मध्य एशियाई क्षेत्र तक आने व जाने के लिए एक गेटवे के तौर पर इसकी भूमिका की महत्ता पर जोर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने खाड़ी क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में कूटनीति, संवाद और विश्वास निर्माण को प्राथमिकता देने के भारत के समर्थन को दोहराया. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने 2020 में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाने पर सहमति जताई.

मोदी ने अर्मेनिया के प्रधानमंत्री को क्यों कहा धन्यवाद?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशियान से मुलाकात की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का लगातार समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया. बुधवार को अपनी मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और अपने स्थिर विकास पर संतोष व्यक्त किया.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत और अर्मेनिया के बीच सदियों से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंधों को याद करते हुए दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोनों देशों के लोगों के बीच विद्यमान सद्भावना को द्विपक्षीय सहयोग के लिए ठोस आधार बताया.' मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए अर्मेनिया के आईटी, कृषि प्रसंस्करण, फार्मास्यूटिकल, टूरिज्म और अन्य सेक्टरों में अवसरों की खोज में भारतीय कंपनियों की रुचि का उल्लेख किया.

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