SC-ST एक्ट के दुरुपयोग: बयान से पलटने पर कोर्ट ने सख्ती से कहा- वसूली जाए राहत राशि

दमोह
मध्य प्रदेश के दमोह जिले की एक अदालत में पहले दिए बयान से पलटने और झूठे मुकदमे में फंसाने के एक मामले में बड़ा फैसला दिया है. घटना जिले की पटेरा तहसील के अंतर्गत पटेरिया गांव की है. इस गांव के निवासी गोपी अहिरवार और उसकी मां अवधरानी अहिरवार ने इसी गांव के निवासी रतन सिंह के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. इसमें कहा गया था कि खेतों की सिंचाई को लेकर हुए विवाद के बाद रतन सिंह ने उन लोगों के साथ मारपीट की है. वर्ष 2016 में यह मामला सामने आया था.

इस मामले की सुनवाई के बाद फरियादी गोपी अहिरवार और उसकी मां को राहत राशि के रूप 75-75 हजार रुपए दिए गए थे. वह मुकदमा दमोह के विशेष न्यायाधीश आर.एस.शर्मा की अदालत में चल रहा था.

इस मामले में फरियादी गोपी अहिरवार कोर्ट में पहले दर्ज कराए गए बयान पलट गया. उसने कोर्ट में कहा कि उसके साथ मारपीट नहीं की गई थी. वे लोग बाइक से गिर गए थे जिसकी वजह से उनको चोट आई थी. इसके बाद विशेष न्यायालय ने फरियादी और उसकी मां को जारी की गई 1 लाख 50 हजार की राशि वसूलने का आदेश जारी किया. जिला कलेक्टर को वक्त निर्देश जारी किए और आरोपी रतन सिंह लोधी पटेरिया निवासी को मामले से बरी कर दिया गया.

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