PSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा की जांच को लेकर जारी पत्र फर्जी

भोपाल
पीएससी द्वारा सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 की जांच के सम्बंध में विगत दिनों विधि मंत्री पी.सी. शर्मा की ओर से अतिरिक्त महानिदेशक स्पेशल टास्क फोर्स भोपाल के नाम पत्र पहुंचा था। इस पत्र के फर्जी होने का आरोप लगाते हुए पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक संघ की ओर से विधि मंत्री से मुलाकात की एवं उक्त पूरे मामले की जांच की मांग की।

पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापकों की ओर से बताया गया कि संघ प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रकाश खातरकर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मप्र शासन विधि मंत्री पी. सी. शर्मा से मुलाकात की एवं बताया कि पत्र क्र. 8746 पर मंत्री द्वारा 14 फरवरी को हस्ताक्षर किए गए तथा छह माह बाद 16 अगस्त 2019 को उनके कार्यालय से जावक हुआ है। ऐसे में उक्त पत्र संदिग्द्ध है। संघ संभाग अध्यक्ष डॉ. आजाद अहमद मंसूरी ने बताया कि इस भर्ती परीक्षा में वर्ष 2014 से अवरोध उत्पन्न कर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। चयनित प्राध्यापकों ने बताया कि विधि मंत्री ने पूर्व में लिखे पत्र को निरस्त करने पर दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 वर्षों के लम्बे अन्तराल के बाद 3422 सहायक प्राध्यापक के पदों के लिए भर्ती आयोजित की गई। जिसमें जुलाई-अगस्त 2018 में 2536 अभ्यर्थियों का पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता से चयन हो गया है तथा सत्यापन का कार्य भी सितम्बर 2018 में संपन्न हो गया था। विधान सभा एवं लोकसभा की आचार संहिता एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में समय पर जवाबदावा प्रस्तुत नही करने के कारण से नियुक्ति में विलंब हो रहा था ।

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