सिंधिया को प्रदेश की कमान देने की मांग, कांग्रेस नेता ने दी पार्टी को यह धमकी

भोपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में उनको पद दिलाने की लगातार मांग बढ़ती जा रही है। उनके समर्थक पार्टी पर उनकी उपेक्षा के आरोप भी लगा रहे हैं। कांग्रेस कमेटी भोपाल के कार्यकारी जिलाध्यक्ष कृष्णा घाडगे ने अब पार्टी को बड़ी धमकी दी है। उन्होंंने कहा है कि अगर सिंधिया को प्रदेश की कमान नहीं सौंपी गई तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। बता दें सिंधिया को महाराष्ट्र के विधानसभा चनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जिसके बाद से उनके समर्थकों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि सिंधिया को प्रदेश का नेतृत्व सौंपा जाना चाहिए।

घाडगे ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि लगातार प्रदेश में सिंधिया जी की उपेक्षा की जा रही है। मध्य प्रदेश में हुए अटेर मुंगावली और कोलारस के उपचुनाव की बात हो या फिर 2018 में विधानसभा के चुनाव जिसमें ग्वालियर चंबल संभाग में लगभग 80% सीटों पर कांग्रेस को विजयश्री दिलाने की बात ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने हमेशा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परंतु कुशल नेतृत्व द्वारा अभी तक सिंधिया जी को मध्य प्रदेश की राजनीति से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। उसके चलते कांग्रेस कार्यकारी जिलाध्यक्ष कृष्णा घाडगे ने राष्ट्रीय नेतृत्व से मांग की है कि यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया को जल्द ही मध्य प्रदेश की कमान नहीं सौंपी गई तो का अपना इस्तीफा पार्टी फोरम को सौंप देंगे।

गौरतलब है कि आज ही कैबिनेट मंत्री और सिंधिया समर्थक इमरती देवी ने भी पार्टी के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंंने कहा था कि पार्टी के इस फैसले से मैं बिल्कुल खुश नहीं हूं। पार्टी जाने, महाराज जाने या राहुल गांधी जानें पर मैं इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं हूं। अगर महाराज को कोई जिम्मेदारी देनी है तो मध्यप्रदेश में दें महाराष्ट्र में महाराज को कौन पूछेगा। इमरती देवी इस फैसले से बेहद नाराज दिखीं। बता दें कि इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे की मंत्री हैं। इससे पहले उन्होंने कमल नाथ सरकार पर भी हमला बोला था।

महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले है और कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एमपी के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को वहां का स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सिंधिया की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब उनका नाम अध्यक्ष की दौड़ मे शामिल है। सुत्रों की माने तो सिंधिया को मप्र की सियासत से दूर करने ये कदम उठाया गया है। कही ना कही इसके पीछे सीएम कमलनाथ की रणनीति है, चूंकी दो दिन से कमलनाथ दिल्ली में है और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के संपर्क मे बने हुए है। लेकिन कांग्रेस के इस फैसले से कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी नाराज हो गई है और उनका कहना है कि वे पार्टी के फैसले से खुश नही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *