PoK पर आर-पार! अब PAK एक्टिविस्ट ने ही खोला मोर्चा, बताया- भारत का हिस्सा

 
नई दिल्ली 

दुनियाभर के सामने जम्मू-कश्मीर का मसला उठाने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान को भारत ने बड़ा झटका दिया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को भारत का रुख साफ कर दिया और कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत का हिस्सा है और एक दिन ये भौगोलिक रूप से भी भारत में होगा. सिर्फ भारत ही नहीं अब पाकिस्तान में इस तरह की आवाज़ें उठने लगी हैं जो पाकिस्तान के लिए ही खतरा हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता ने खोला मोर्चा
पाकिस्तान लगातार बलूचिस्तान, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किए जा रहे अत्याचारों को लेकर घिर रहा है. पाकिस्तानी ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट आरिफ अजाकिया का कहना है कि गिलगित-बालटिस्तान, PoK जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है. ऐसे में नरेंद्र मोदी को उस गलती को सुधारना चाहिए जो बरसों पहले हो गई थी. आरिफ अजाकिया लगातार पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं, सोशल मीडिया पर उनके वीडियो लगातार वायरल होते हैं.

विदेश मंत्री ने क्या कहा था?
दरअसल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर सवाल हुआ तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि PoK भारत का हिस्सा है और एक दिन भौगोलिक रूप से भी यह भारत में शामिल होगा. इसी के बाद से ही एक नई बहस छिड़ गई है. पाकिस्तान के मसलों पर उन्होंने कहा कि हमारे एक पड़ोसी के साथ कुछ मुद्दे हैं, इसमें सबसे अहम क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म है. जब तक इस मुद्दे का हल नहीं होता और वह (पाकिस्तान) एक सामान्य पड़ोसी की तरह बर्ताव नहीं करता तो ये आगे नहीं बढ़ सकता है.

पाकिस्तान को मिल चुकी कई चेतावनी
सिर्फ विदेश मंत्री ही नहीं बल्कि मोदी सरकार की ओर से कई बड़े नेताओं ने पाकिस्तान को चेताया हुआ है. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने ही मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान को PoK भारत को सौंप देना चाहिए. इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पाकिस्तान को चेता चुके हैं. राजनाथ ने कहा था कि पाकिस्तान अगर अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो वह खंड-खंड हो जाएगा.

गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर विवाद कर रहा है और इसे संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन बता रहा है. हालांकि, दुनिया के हर बड़े मंच पर भारत की ओर से दो टूक कहा जा चुका है कि ये भारत का आंतरिक मामला है.

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