PM मोदी का शहीदों को सलाम, कहा- देश के वीरों ने हमेशा पहला वार अपने ऊपर लिया

 
नई दिल्ली 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहीदों की याद में राजधानी दिल्ली में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक देश की जनता को समर्पित कर रहे हैं। उनके साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं। पीएम ने दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सेना दुनिया की सबसे ताकतवर सेना में से एक है। सैनिकों ने हमेशा पहला वार अपने ऊपर लिया।
 
पीएम मोदी ने कहा:-
इस ऐतिहासिक स्थान पर मैं, पुलवामा में शहीद हुए वीर सपूतों, भारत की रक्षा में सर्वस्व न्योछावर करने वाले हर बलिदानी को नमन करता हूं।
मैं राष्ट्र रक्षा के सभी मोर्चों पर, मुश्किल परिस्थितियों में डटे हर वीर-वीरांगना को भी नमन करता हूं।
राष्ट्रीय समर स्मारक की मांग कई दशक से निरंतर हो रही थी। बीते दशकों में एक-दो बार प्रयास हुए लेकिन कुछ ठोस हो नहीं पाया। 
आपके आशीर्वाद से साल 2014 में हमने राष्ट्रीय समर स्मारक बनाने के लिए प्रक्रिया शुरु की और आज तय समय से पहले ही इसका लोकार्पण होने वाला है। 
आज मुझे बहुत संतोष है कि थोड़ी देर बाद आपका और देश का, दशकों लंबा इतंज़ार खत्म होने वाला है। 
आज़ादी के सात दशक बाद मां भारती के लिए बलिदान देने वालों की याद में निर्मित राष्ट्रीय समर स्मारक, उन्हें समर्पित किया जाने वाला है। नया भारत आज नई रीति और नई नीति से आगे बढ़ रहा है, मजबूती के साथ विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है, इसमें एक बड़ा योगदान आपके शौर्य और समर्पण का है।
साल 2009 में सेना ने 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी।
2009 से लेकर 2014 तक पाँच साल बीत गए, लेकिन सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गई। ये हमारी ही सरकार है जिसने बीते साढ़े चार वर्षों में 2 लाख 30 हजार से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदी है।
भारतीय सेना की शक्ति को आज वैश्विक पटल पर सम्मान भी दिया जा रहा है।
भारतीय सेना एक ऐसी सेना है, जो शांति की स्थापना के लिए हथियार उठाती है।
बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए।
इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट का जो अंतर है, वही इसका जवाब है।
स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक, स्टेडियम से लेकर अवॉर्ड तक – हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था।
 
बता दें कि इस स्मारक के निर्माण में इस पर 176 करोड़ रूपए की लागत आई है। इस का निर्माण कार्य फरवरी 2018 में शुरू किया गया और इसे एक वर्ष के रिकार्ड समय में पूरा कर लिया गया है। इस स्मारक में ईंटों पर 25942 सैनिकों और अधिकारियों के नाम लिखे हैं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। समय समय पर चलाए जाने वाले सैन्य अभियानों में शहीद होने वाले जवानों के नाम भी इसमें शामिल किए जाएंगे। इस स्मारक की खासियत यह है कि इसमें अलग से एक परम योद्धा स्थल है जिसमें राष्ट्रीय वीरता के सर्वोच्च पुरस्कार ‘परम वीर चक्र’ से सम्मानित हुए अब तक कुल 21 वीरों के नाम पर कांस्य निर्मित उनकी आवक्ष प्रतिमाओं को इस पार्क में लगाया गया है। इनमें 15 को मरणोपरांत और छह को जीवित रहते हुए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। 
 

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