Parle G तक पहुंची मंदी की मार! 10,000 लोगों की नौकरी पर संकट
नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था में मंदी और घंटते डिमांड का असर देश के सबसे लोकप्रिय बिस्किट Parle G बनाने वाली कंपनी के दरवाजे तक आ पहुंचा है. नतीजा यह है कि पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड अब करीब 10,000 लोगों को नौकरी से निकाल सकती है. कंपनी के एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने बुधवार को यह बात कही.
एशिया की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था में कार से लेकर कपड़े तक हर चीज की बिक्री में गिरावट का दौर दिखाई दे रहा है. जिसके चलते विवश होकर कंपनियों को उत्पादन घटाने पड़ रह रहे हैं. इसके चलते कर्मचारियों की छंटनी का संकट गहराता जा रहा है. कंपनियों को उम्मीद है कि सरकार ग्रोथ को रिवाइव करने के लिए राहत पैकेज का एलान कर सकती है.
पारले के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने मुंबई से टेलिफोन इंटरव्यू में बताया कि पारले की बिस्किट सेल्स में तेज गिरावट आई है. इसका साफ मतलब है कि कंपनी उत्पादन घटाना पड़ सकता है. इससे 8,000-10,000 लोगों की छंटनी हो सकती है.
उन्होंने कहा, ”हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अगर सरकार राहत नहीं देती है तो हमारे पास लोगों को फैक्ट्री से बाहर निकालने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा क्योंकि घटती बिक्री का हम पर बुरा असर पड़ रहा है.”
पारले की शुरुआत 1929 में हुई थी. इसमें डायरेक्ट और कॉन्ट्रैक्ट रूप से करीब 1 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. ये लोग कंपनी के 10 संयंत्र और 125 कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरंग प्लांट में काम कर रहे हैं. पारले की सालाना बिक्री करीब 10 हजार करोड़ रुपये है.
शाह का कहना है कि पारले बिस्किट ब्रांड जैसे Parle-G पर 2017 में जीएसटी लागू होने का सबसे बुरा असर हुआ. बता दें, 100 रुपये प्रति किलो से कम के बिस्किट पर जीएसटी से पहले 12 फीसदी टैक्स था. कंपनियों को उम्मीद थी कि प्रीमियम बिस्किट के लिए जीएसटी 12 फीसदी और सस्ते बिस्किट के लिए 5 फीसदी होगा. हालांकि इन पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया. इसके बाद कंपनियों ने बिस्किट के दाम बढ़ा दिए. पारले ने भी दाम में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की.
अधिक टैक्स होने से पैकेट में बिस्किट कम हो गए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहक घट गए. इनका पारले के रेवेन्यू में दो तिहाई योगादान है. शाह का कहना है, ”ग्राहक कीमतों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. वे इस बात को लेकर सतर्क हैं कि एक निश्चित कीमत में पैकेट के भीतर उन्हें कितना बिस्किट मिल रहा है.”