MP में नहीं थम रही पैंगोलिन की तस्करी, 40 लाख में सौदा करते तस्कर धराए

कटनी
मध्य प्रदेश में लगातार पैंगोलिन की तस्करी बढ़ती जा रही है। एक बार फिर पैंगोलिन को बेचने और तस्करी का मामला सामने आया है। प्रदेश के कटनी जिले के बरही वन क्षेत्र में वन विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है। टीम ने 6 तस्करोंं को गिरफ्तार किया है। ये सभी पैंगोलिन की तस्करी करते धराए गए हैं। इनके पास से वन विभाग की टीम को जिंद पैंगोलिन मिले हैं। तस्कर इनका सौदा करने के लिए खरीदार की तलाश कर रहे थे। 

वन विभाग के रेंजर शैलेंद्र तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें मुखबिर से तस्करों की सूचना प्राप्त हुई थी। मुखबिर के मुताबिक ग्राम हथेड़ा गांव में कुछ लोग पैंगोलिन के साथ दिखाई दिए थे। इन तस्करों को खेत से पैंगोलिन मिले थे। जिन्हें वह अपने घर ले गए और बेचने की फिराक में थे। दो-तीन ग्राहकों से चर्चा हुई है, लेकिन सौदा तय नहीं हो पाया। एक पार्टी से 40 लाख रुपये में सौदा हुआ है वह आने वाला है। मानपुर के किसी तस्कर से भी सौदा कर रहे थे।

जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई। टीम ने मुखबिर की बताई जगह पर दबिश दी और वहीं से  छोटो काछी, विश्राम काछी, लल्लाराम काछी, अमृतलाल, खज्जू सिंह उर्फ कालू सिंह गोड़, रमेश सिंह, सियालाल काछी को गिरफ्तार किया। टीम ने जब पूछताछ की तो उसे बोरी के अंदर बंद एक डम से निकालकर अरोपियों ने वन विभाग के हवाले किया। वन विभाग ने जिंदा पैंगोलिन को अपने हिरासत में लेते हुये आरोपियों को गिरफ्त में लिया। 

अधिकारियों ने बताया कि पैंगोलिन स्तनधारी है और सांप-छिपकली जैसे जानवरों की बीच की कड़ी है। यह एशिया और आफ्रिका सहित अन्य देशों में पाये जाते हैं। इसकी खाल की दक्षिण पूर्व, एशिया के देखा काफी मांग है। इसकी परतदार खाल का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाइयों, ड्रग्स, बुलेटप्रूफ जैकेट, कपड़े और सजावट के सामान में किया जाता है। ज्यादा मांग के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लाखों में है। रुपयों के लालच में पैंगोलिन की तस्करी भी बढ़ गई है। यही वजह है कि यह जीव लुप्त हो रहा है। इनको बचाने के लिए वन विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

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