MCU ने दो साल के एमफिल की समय अवधि में एक साल की कटौती की

भोपाल
यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक विद्यार्थी बिना प्रवेश परीक्षा दिए एमफिल में प्रवेश नहीं ले सकते हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए प्रवेश परीक्षा कराना संभव नहीं है। इसलिए एमसीयू अपनी बीस सीटों पर प्रवेश देने के लिए विद्यार्थियों से आॅनलाइन फार्म जमा कर लेगा। इसके बाद विभागाध्यक्षों की बैठक के बाद के प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया जाएगा। एमसीयू ने दो साल के एमफिल की समय अवधि में एक साल की कटौती कर दी है। पूर्व में एमफिल का समय अवधि डेढ़ से दो साल की थी। यूजीसी द्वारा दिए गए एक साल के एमफिल को एमसीयू ने एडोप कर लिया है। इससे अब प्रवेशित विद्यार्थियों को एक साल की एमफिल की डिग्री मिलेगी।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एमफिल में दोबारा से प्रवेश देना शुरू करेगा। प्रवेश लेने के लिए इस सप्ताह आॅनलाइन आवेदन जमा कराना शुरू कर दिया जाएगा। एमसीयू अपनी बीस सीटों पर प्रवेश देगा। एमसीयू के एक साल के विराम के बाद दोबारा से एमफिल में प्रवेश देने जा रहा है। विद्यार्थी मीडिया स्टडीज की बीस सीटों पर प्रवेश कराने के इस सप्ताह से आॅनलाइन आवेदन जमा कर पाएंगे। एमफिल कराने के लिए एमसीयू में करीब आधा दर्जन गाइड मौजूद हैं।

एमसीयू अपनी एक हजार सीटों पर प्रवेश कराने के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं करेगा। बल्कि मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश देगा। उनके फार्म के साथ ही एमफिल के फार्म खोले जाएंगे।

एमसीयू अभी आवेदन जमा कराना शुरू कर देगा। ये फार्म जुलाई तक जमा किए जाएंगे। इसी दौरान निर्णय लिया जाएगा कि प्रवेश परीक्षा कब और कैसे आयोजित कराई जा सकती है। तब तक देश में कोरोना संक्रमण का प्रभाव हो सकता है। इससे ये परीक्षा अगस्त में आयोजित होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

अधिकतम शैक्षणिक संस्थानों में नौकरी हासिल करने के लिए पीएचडी को प्राथमिकता दी जा रही है। इसलिए यूजीसी एमफिल को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है। कई शैक्षणिक संस्थान एमफिल डिग्रीधारियों को मांग कर रही हैं। ऐसी ही मांग एमसीयू के पास पहुंची है। एमफिल होने के बाद एमसीयू के विद्यार्थी रिसर्च असिस्टेंड की नौकरी हासिल कर पाएंगे।

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