LG vs दिल्ली सरकार: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AAP को आया सनी देओल वाला गुस्सा

 
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में उपराज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री के अधिकारों के मसले पर गुरुवार को व्यवस्था दी कि राजधानी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) और जांच आयोग गठन का अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा, लेकिन सेवा संबंधी अधिकारों का मसला उसने वृहद पीठ को सौंप दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने नाराजगी जताई। आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया कि दिल्ली की जनता के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण। आप ने बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल की फिल्म दामिनी के फेमस डायलॉग तारीख पर तारीख के वीडियो को शेयर करके कोर्ट के फैसले पर तंज कसा। आप ने कहा कि ऐसे दिल्ली सरकार काम कैसे करेगी।
 
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में उपराज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री के अधिकारों के मसले पर गुरुवार को व्यवस्था दी कि राजधानी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) और जांच आयोग गठन का अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा, लेकिन सेवा संबंधी अधिकारों का मसला तीन जजों की बेंच को सौंप दिया। न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने दिल्ली के उपराज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री के अधिकारों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें कुछ मसलों पर दोनों न्यायाधीशों की एक राय थी, लेकिन अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों (सर्विसेज) को लेकर असहमति के फैसले के कारण इसे तीन-सदस्यीय वृहद पीठ को सौंप दिया गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है और एसीबी का अधिकार भी केंद्र के पास रहेगा। केंद्र को जांच आयोग गठित करने का अधिकार भी होगा।
 
एसीबी, राजस्व, जांच आयोग और लोक अभियोजक की नियुक्ति के मुद्दे पर पीठ की राय एक थी, लेकिन दोनों न्यायाधीश इस मसले पर बंटे दिखे कि संविधान की सूची-दो की इंट्री 41 के तहत राज्य लोक सेवाओं में नियुक्ति और तबादले का अधिकार किसके पास होगा? न्यायमूर्ति सिकरी ने कहा कि संयुक्त सचिव और इसके ऊपर के अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादले का अधिकार उपराज्यपाल के पास है, जबकि अन्य अधिकारियों को लेकर दिल्ली सरकार के पास अधिकार है, लेकिन न्यायमूर्ति भूषण ने इस मुद्दे पर असहमति जताते हुए कहा कि यह अधिकार दिल्ली सरकार के पास नहीं है। बिजली बोर्ड और लोकअभियोजक नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार के पास है।

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