J&K में जितने भर्ती नहीं हुए उससे ज्‍यादा आतंकी एनकाउंटर में ढेर

श्रीनगर
जम्‍मू-कश्‍मीर से आतंक का सफाया करने में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। इस साल घाटी में जितने आतंकी रिक्रूट नहीं हुए, उससे ज्‍यादा एनकाउंटर में मार गिराए गए हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले हालात सुधरे हैं। सिंह के मुताबिक, 'इस साल पाकिस्‍तान से घुसपैठ कर आए या लोकल रिक्रूटमेंट में  100 नए आतंकी बने तो हमने 125 मारे। 2019 में सिचुएशन अलग थी जब हर 100 नए आतंकियों पर 70 मारे जा रहे थे। बाकी 30 बचकर आतंक फैलाते थे।'

घाटी में आतंकियों का जीना हराम
डीजीपी के मुताबिक, अब बैलेंस काउंटर-टेरर फोर्सेज की ओर शिफ्ट हो गया है। सुरक्षा बल थ्री-इन-वन स्‍ट्रैटजी पर काम कर रहे हैं। हमला करने से पहले ही आतंकियों को खत्‍म कर देना, उनके ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को पकड़ना और अरेस्‍ट करना। इससे घाटी में आतंकियों का जीना दूभर हो गया है। आतंकियों के लिए ग्रेनेड फेंकने और हथियारों का जुगाड़ करने वाले भी दबोचे जा रहे हैं।

49 आतंकी रिक्रूट हुए, 119 ढेर
सिंह ने टीओआई को बताया कि इस साल 23 जून तक घाटी में 119 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। जबकि सिर्फ 49 नए टेररिस्‍ट ही भर्ती किए गए। साल 2019 में 100 से ज्‍यादा नए आतंकी रिक्रूट हुए थे और 2018 में 120 से भी ज्‍यादा। डीजीपी ने कहा, "मारे गए 119 आतंकियों में से 60 हिज्‍बुल मुजाहिदीन के थे। इसके अलावा लश्‍कर-ए-तैयबा के 20 से ज्‍यादा आतंकी और जैश-ए-मोहम्‍मद के 20 आतंकी भी मारे गए। सुरक्षा बलों ने अबतक 250 OGWs को अरेस्‍ट किया है। आतंकियों के मददगार रहे 35-40 लोग भी जनवरी से अबतक अरेस्‍ट किए जा चुके हैं।

 

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