iPhone में खामी का पता लगाने पर Apple देगा 7 करोड़ रुपये

Apple INC (AAPL.O) द्वारा iPhones में खामियों का पता लगाने के लिए साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स को $1 मिलियन (लगभग 7,04,77,200 रुपये) ऑफर किया जा रहा है. हैकर्स से बचने के लिए किसी भी कंपनी द्वारा ऑफर किया गया ये सबसे बड़ा रिवॉर्ड है. ये ऑफर ऐसे समय में आया है जब सरकारों द्वारा पत्रकारों और मानवाधिकार के अधिवक्ताओं के मोबाइल डिवाइसेज में सेंध किए जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं.

पहले Apple द्वारा ये ऑफर आमंत्रित किए गए उन रिसर्चर्स को ही दिया जाता था, जो फोन और क्लाउड बैकअप्स में खाफी पता लगाने की कोशिश करते थे. बहरहाल अब गुरुवार को लास वेगास में हुए एनुअल ब्लैक हैट सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में कंपनी ने घोषणा की कि इस प्रक्रिया को सारे रिसर्चर्स के लिए ओपन किया जाएगा. साथ ही Mac सॉफ्टवेयर समेत दूसरे टारगेट्स को भी शामिल किया जाएगा और सबसे महत्वपूर्ण खोज के लिए अलग-अलग रिवॉर्ड (bounties) दिए जाएंगे.

ये $1 मिलियन प्राइज iPhone kernel के रिमोट ऐक्सेस पर ही अप्लाई होगा, जिसमें फोन के यूजर की तरफ से कोई भी एक्शन शामिल नहीं होना चाहिए. ऐपल की तरफ पहले दिया गया सबसे बड़ा रिवॉर्ड $200,000 का था. इसे फ्रेंडली बग्स की रिपोर्ट के लिए दिया गया था, जिसे सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए फिक्स किया जा सकता था और क्रिमिनल्स से दूर रखना था.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ सरकारी कॉन्ट्रैकटर्स और ब्रोकर्स द्वारा डिवाइसेज से जानकारी प्राप्त करने के लिए सबसे प्रभावी हैकिंग तकनीकों के लिए $2 मिलियन का भुगतान किया गया था. ऐसे में ऐपल के नए रिवॉर्ड भी कॉन्ट्रैक्टर्स द्वारा पब्लिश कीं गईं कीमतों के आसपास के रेंज में ही हैं. Apple रिसर्च को आसान बनाने के लिए कई और कदम उठा रहा है. जिसमें एक मॉडिफाइड फोन को पेश करना शामिल है जिसमें कुछ सिक्योरिटी फीचर्स को डिसेबल किया जाएगा.

आपको बता दें इजरायल के NSO ग्रुप जैसी कई निजी कंपनियाँ सरकारों को हैकिंग क्षमताएं बेचती हैं. हालांकि इस ग्रुप का कहना है कि इनका उद्देश्य केवल टेरर और क्राइम से बचाव है, ना कि पत्रकारों या क्रिटिक्स के काम में बाधा डालना है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *