IITM के निदेशक संदीप कुलश्रेष्ठ की नियुक्ति निरस्त

ग्वालियर
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (High Court) की ग्वालियर बेंच ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट (IITM) के निदेशक संदीप कुलश्रेष्ठ की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है. साथ ही उनकी नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जो ऑफिसर इंचार्ज नियुक्त किए गए थे उनके खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने संदीप कुलश्रेष्ठ पर 20 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है और उनके द्वारा 2014 से निदेशक के पद पर रहते हुए जो वेतन लिया गया है उसकी रिकवरी के आदेश भी दिए हैं.

मनोज प्रताप सिंह यादव ने 2016 में एक याचिका दायर की थी, इसमें उन्होंने कहा था कि आईआईटीटीएम के निदेशक संदीप कुलश्रेष्ठ की नियुक्ति अवैध है, उन्होंने उसे निरस्त करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संदीप कुलश्रेष्ठ ने इस पद पर नियुक्ति पाई है. जबकि संदीप कुलश्रेष्ठ के पास योग्यता नहीं है, ऐसे में उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने की जांच चल रही है. जिसको लेकर मामला 2016 में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में भी पहुंच गया था. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से भी जबाब पेश किया. इस मामले में कोर्ट के सामने चार ऑफिसर इंचार्ज आए थे. जिन्होनें फर्जी दस्तावेज पेश किए हैं.

कोर्ट ने ऑफिसर इंचार्ज के खिलाफ भी CBI जांच के ऑर्डर दिए हैं. साथ ही तत्काल प्रभाव से संदीप कुलश्रेष्ठ के ऑफिस को सील कर दिया गया है. इस केस में खास बात ये है कि याचिकाकर्ता ने इस केस को बिना वकील खुद लड़ा है. गौरतलब है कि ग्वालिय़र स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट (आईआईटीएम) देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है. जो भारतीय पर्यटन मंत्रालय के आधीन संचालित है.

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