HC ने अबॉर्शन की दी अनुमति, 24 सप्ताह 6 दिन की गर्भवती ने लगाई थी गुहार

रायपुर
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 24 सप्ताह 6 दिन के अविकसित भ्रूण के गर्भपात की अनुमति दे दी है. दरअसल, अजन्मे बच्चे की मां ने हाईकोर्ट में अपने गर्भ में पल रहे 24 सप्ताह 6 दिन के असामान्य भ्रूण के अबॉर्शन कराने की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इस पर हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी के सिंगल बेंच ने महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है. भ्रूण के गर्भपात के लिए कोर्ट ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को निर्देश दिया है. साथ ही इस मामले का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखने को कहा है.

मिली जानकारी के मुताबिक महासमुंद जिले की रहने वाली एक महिला का विवाह वर्ष 2018 में हुआ था. कुछ महीने बाद गर्भ ठहरने पर वह रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल गई. जांच में उसे पता चला कि उसका भ्रूण बेहद असामान्य है और डिलीवरी के समय मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा है.

डॉक्टर ने भ्रूण के असमान्य होने और पैदा होने पर बच्चे के विकलांग होने की आशंका जताई थी. महिला ने महासमुंद जिले के अस्पताल के जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट होकर रायपुर के निजी अस्पताल में दोबारा जांच कराया. यहां भी जांच के बाद बच्चे के असामान्य होने की जानकारी दी गई. इसके बाद पति-पत्नी दोनों ने डॉक्टरों से अबॉर्शन करने का आग्रह किया, लेकिन डॉक्टरों ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (MTP) एक्ट का हवाला देते हुए मना कर दिया.

डॉक्टर ने कहा कि भ्रूण 20 सप्ताह से अधिक का हो चुका है, जिसका अबॉर्शन करना गलत होगा. इससे परेशान होकर महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अबॉर्शन की अनुमति मांगी. प्रारंभिक सुनवाई में कोर्ट ने दोबारा जांच कर रिपोर्ट मांगी, जिसमें कोर्ट ने भी पाया कि बच्चा असामान्य स्थिति में है. साथ ही रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने पाया कि आसामान्य बच्चे के जन्म लेने से मां और बच्चे दोनों की जिंदगी पर खतरा है.

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