H-1B वीजा: नौकरी बदलने की कोशिश कर रहे भारतीयों पर लग रही है अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी

 मुंबई
H-1B वीजाधारकों को नौकरियां बदलने में मशक्कत करनी पड़ रही है। अगर नई नौकरी भी पहली जैसी है और इसमें में पिछली नौकरी वाला कौशल ही चाहिए तो भी अलग-अलग कारणों से कुछ आवेदन खारिज किए जा रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) आवेदनों को खारिज करने का आधार अमूमन 'विशेषज्ञता का पेशा' नहीं होने को बना रहा है। 
 
सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जिन लोगों के आवेदन खारिज किए जा रहे हैं, उन्हें 'आउट ऑफ स्टेटस' भी घोषित किया जा रहा है जिसका मतलब अमेरिका में उनके प्रवेश पर तीन से 10 वर्ष की पाबंदी लग गई है। उषा सागरवाला एच-1बी वीजा पर 2012 से अमेरिका में रह रही हैं। जब उन्होंने 2018 में नौकरी बदलनी चाही तो यूएससीआईएस ने कंपनी की स्थानांतरण याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह 'स्पेशलिटी ऑक्युपेशन' नहीं है। 

हाल ही में उन्होंने नई नौकरी के लिए एच-1बी देने से इनकार किए जाने के विरोध में कोर्ट को दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी।अमेरिकी फेडरल कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उषा कोर्ट को यह बताने में असफल रहीं कि एच-1बी खारिज होने से उन्हें क्या आर्थिक नुकसान हुआ, इसलिए वह मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। 

फेडरल कोर्ट ने 16 अप्रैल के अपने फैसले में कहा कि सागरवाला ने जो एकमात्र साक्ष्य पेश किया, उसमें ज्यादातर इस बात पर जोर दिया गया है कि उन्हें भारत लौटने पर मजबूर किए जाने का क्या असर होगा। 
 

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