FIR को बताया डॉक्टरों का अपमान, केजरीवाल सरकार और मेडिकल एसोसिएशन दिल्ली में आमने-सामने

 
नई दिल्ली
 
दिल्ली सरकार ने कोरोना टेस्ट से जुड़ी गाइडलाइन के उल्लंघन पर सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. अब इसे लेकर डॉक्टरों ने भी मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि यह चिकित्सा जगत के लिए मनोबल गिराने वाला है.

डीएमए ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जिस तरह से कोरोना के मरीजों को भर्ती करने और टेस्ट के संबंध में डॉक्टरों को चेतावनी दे रहे हैं, अस्पतालों को धमकी दे रहे हैं, उसकी हम निंदा करते हैं. डीएमए अध्यक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अपनी जान जोखिम में डालकर डॉक्टर पिछले दो महीने से बगैर थके लोगों की सेवा कर रहे हैं. डॉक्टरों के साथ इस तरह का व्यवहार अपमानित करने वाला है.
 
डीएमए के अध्यक्ष डॉक्टर बीबी वाधवा ने कहा कि अस्पताल हेल्थकेयर की रीढ़ हैं और कोरोना या अन्य मरीजों को महामारी के समय में भी सेवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से रोज नए फरमान जारी किए जा रहे हैं. उनके प्रयासों की प्रशंसा करने की बजाय उन्हें दंडित किया जा रहा है. यह दुखद है. सर गंगाराम अस्पताल और यहां के डॉक्टरों ने पिछले दशकों में लाखों लोगों की जान बचाई है.
 
डॉक्टर वाधवा ने कहा कि सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया जाना डॉक्टरों का मनोबल गिराने वाला है. डीएमए हेल्थकेयर वर्कर्स को डराने और धमकाने के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि महामारी के इस समय में दिल्ली के डॉक्टर वैसे ही अधिक काम के कारण तनाव में हैं. दिल्ली सरकार अनावश्यक रूप से हेल्थकेयर सिस्टम पर गैर जरूरी दबाव डाल रही है.
 
डीएमए अध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टरों की परेशानियों और कड़ी मेहनत केवल वही लोग समझ सकते हैं, जो जमीनी हकीकत देख रहे हैं. डॉक्टरों की गरिमा से समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ चिकित्सकों की समन्वय समिति बनाने की मांग की और कहा कि जल्द उपचार के लिए प्रत्येक कोविड केयर अस्पताल में जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

डेड बॉडी ले जाने के लिए बने सिस्टम
डॉक्टर वाधवा ने कहा कि कोरोना के मरीज की मृत्यु की स्थिति में डेड बॉडी ले जाने और गाइडलाइंस के अनुरूप दाह संस्कार कराने के लिए भी सिस्टम बनाया जाना चाहिए. साथ ही कोरोना के मरीजों का उपचार कर रहे अस्पतालों के लिए क्षेत्र के हिसाब से नोडल अधिकारी भी तैनात किए जाने चाहिए.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की ओर से सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ महामारी कानून के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया है. दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने सैंपल लेने के लिए आरटी पीसीआर एप का उपयोग नहीं किया, जो स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अस्पतालों के लिए जारी गाइडलाइंस के हिसाब से अनिवार्य है.

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