DRDA के कर्मचारी अब पंचायतराज संचालनालय के अधीन करेंगे कार्य
भोपाल
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के कर्मचारी अब पंचायतराज संचालनालय के अधीन कार्य करेंगे। कर्मचारियों के स्थापना संबंधी सभी कार्य विकास आयुक्त से छीन लिये गये हैं।
राज्य सरकार ने अनुपयोगी योजनाओं को बंद करने और मिलती जुलती योजनाओं को समाहित करने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग ने इसके लिये सभी विभागों से ब्यौरा भी मांगा है। इसी क्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग के प्रमुख अंग के रूप में कार्य कर रहा जिला ग्रामीण विकास अभिकरण पंचायतराज संचालनालय को हस्तांतरित कर दिया गया है। डीआरडीए हर जिले में काम कर रहा है। इसके कर्मचारियों के स्थापना का कार्य विकास आयुक्त को दिया गया था तथा बजट संबंधी जिम्मेदारी पंचायतराज संचालनालय के पास थी।
समीक्षा में पाया गया है कि स्थापना और बजट संबंधी कार्य अलग-अलग विभागों के पास होने से कर्मचारी और अधिकारियों को अफसरों के आये दिन चक्कर लगाने पड़ते हैं। लिहाजा दोनों जिम्मेदारियां पंचायत राज संचालनालय को सौंपने का निर्णय लिया गया।
डीआरडीए के स्थापना संबंधी कार्य सौँपने के साथ ही विभाग ने प्रभारी अधिकारी भी नियुक्त किये हैं। डीआरडीए प्रशासन योजना शाखा का प्रभारी अधिकारी सीएल डोडियार संयुक्त संचालक को बनाया गया है। उप संचालक दिनेश कुमार गुप्ता को सहाकय अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। इसी के साथ डीआरडीए प्रशासन संबंधी सभी पत्राचार पंचायत राज संचालनालय के पास रहेंगे। डीआरडीए में पदस्थ परियोजना अधिकारी और सहायक परियोजना अधिकारियों के नाम पंचायतराज संचालनालय भेजने के निर्देश दिये गये हैं।