Diabetes Type-2 का खतरा कम करते हैं इस पेड़ के फल और पत्ते

नई दिल्ली
ऑलिव ऑइल हमारी सेहत के लिए कितना उपयोगी है यह हम सभी जानते हैं। जिस तरह ऑइलिव ऑइल न्यूट्रिऐंट्स और फैटी एसिड्स से भरपूर होता है, उसी तरह ऑलिव ट्री की पत्तियां भी हमारी सेहत के लिए बहुत अधिक लाभकारी हैं। ऑलिव ऑइल ना केवल खाने का स्वाद बेहतर करता है बल्कि यह फाइबर कंटेंट्स से भी भरा होता है। इसलिए यह हमारे मेटाबॉलिज़म को ठीक रखने का काम भी करता है। हैरानी आपको यह जानकर होगी कि जितना यूजफुल हमारे लिए ऑलिव ऑइल है, उतनी ही गुणकारी इसकी पत्तियां भी हैं…

ऐंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं ऑलिव लीवऑलिव ऑइल की पत्तियां पोषण से भरपूर होती हैं। ये ऐंटीऑक्सीडेंट्स, न्यूट्रिऐंट्स और फाइबर्स से भरपूर इस पेड़ की पत्तियां टाइप-2 डायबीटीज का इलाज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। क्योंकि इनमें ऐंटीमाइक्रोबियल, ऐंटीहाइपरटेंसिव और ऐंटी इंफ्लामेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं। यानी सही तरीके से और किसी विशेषज्ञ की देखरेख में इन पत्तियों के सेवन से हम अपने शरीर को रोगाणुओं को खत्म करने, हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी दिक्कतों को रेग्युलेट करने और शरीर में किसी भी तरह की सूजन या ब्लड संबंधी परेशानी को बढ़ने से रोकने का काम करती हैं।
 
कई बीमारियों को नियंत्रित करने में लाभकारी
डॉक्टर्स का कहना है कि टाइप-2 डायबीटीज के मरीजों में आमतौर पर इंसुलिन का लेवल सामान्य लोगों की अपेक्षा हाई देखने के मिलता है। वहीं कभी-कभी ब्लड में शुगर का लेवल बहुत अधिक हाई हो जाता है। इस स्थिति को नियंत्रित करने का काम ऑलिव लीव्स करती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पूरी तरह पनप चुकी और अपने पूरे साइज में आ चुकी ऑलिव लीव्स को कलेक्ट करके आप उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। सिर्फ डायबीटीज टाइप-2 को कंट्रोल करने का ही नहीं ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को कंट्रोल करने में भी ऑलिव यानी जैतून की पत्तियां काफी मददगार हैं।
 
उपयोग करने का सही तरीका
-अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि फायदे तो ठीक हैं लेकिन ऑलिव लीव्स को आखिर इस्तेमाल कैसे करना है? तो हम आपको बता दें कि इसके लिए आपको साफ और फुल साइज में आ चुकी ऑलिव की फ्रेश पत्तियां लेनी हैं। इसके बाद आप इन पत्तियों को धुलकर सूती कपड़े पर बिछा दें और ऊपर से एक महीन कपड़ा ढक दें।

-अब आपको इन पत्तियों को ऐसी जगह पर सुखाना है, जहां सूरज की रोशनी इन पर सीधे ना पड़े बल्कि ये धूप की तपिश से सूखें। सीधी और तेज धूप ज्यादातर औषधियों को सुखाने के दौरान उनके गुणों को कम कर देती है। जब ये पत्तियां सूख जाएं तो इन्हें हाथ से मसलकर हरी चाय पत्ती की तरह इस्तेमाल करें।
 
– आप चाहें तो सूखी हुई इन पत्तियों को पीसकर इनका बारीक चूर्ण बना लें और इस चूर्ण को वैद्य की सलाह के बाद पानी के साथ ले सकते हैं या फिर इसे गर्म पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। ये बॉडी में ग्लूकोज़ का लेवल कम करने का काम करती हैं।
 
– जैतून की पत्तियों में इंफ्लामेट्री गुण भी होते हैं। जो शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को घोलकर बाहर निकालने का काम करते हैं। इससे शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का लेवल सही बना रहता है। इससे हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।

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