Cumin Seeds: कमर शेप में और वजन कंट्रोल में रखने का काम करता है जीरा

 
Cumin Seeds: कमर शेप में और वजन कंट्रोल में रखने का काम करता है जीराकमर को शेप में लाना है और बढ़ते वजन को घटाना है, साथ ही मौसमी बीमारियों से भी बचना है और जीवन में कभी किसी गंभीर बीमारी की चपेट में भी नहीं आना है… अगर आप भी इतनी सारी इच्छाओं को एक साथ पूरा करना चाहते हैं तो हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ ही अपनी डायट में Cumin Seeds की मात्रा को सही कर लें। सेहत अपने आप सुधर जाएगी।  
जीरे के अंदर होती हैं ये खूबियां
 भारतीय रसोई में लगाए जानेवाले ज्यादातर तड़के जीरे के बिना अधूरे रहते हैं। दाल और सब्जी जैसी रुटीन डायट की चीजें तो जीरे के बिना अधूरी-सी लगती हैं। स्वाद के साथ ही जीरे के अंदर 12 प्रतिशत प्रोटीन, 11 प्रतिशत फाइबर, 33 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 11 प्रर्सेंट स्टार्च और 15 प्रतिशत फैट होता है।

इन रोगों में कारगर है जीरे का सेवन
 जीरा ऐंटिइंफ्लेमेट्री और कार्मिनेटिव (carminative) यानी पेट में बननेवाली गैस को दूर करनेवाला होता है। यह पीलिया, डायरिया, अपच और गैस जैसी पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मददगार है।

कैंसर विरोधी गुण
 जीरे को कैंसर से बचानेवाला स्पाइस भी माना जाता है। क्योंकि यह ऐंटिऑक्सीडेंट्स की तरह काम करता है और इसमें पाई जानेवाली खूबियां हमारे शरीर में कैंसर बढ़ानेवाली सेल्स को पनपने नहीं देती हैं।

डायबीटीज से बचाए
 डायबीटीज के मरीजों में ब्लड शुगर की मात्रा अधिक रहती है। इस कारण उनके शरीर में इंसुलिन भी बढ़ जाता है। जबकि जीरे के नियमित उपयोग से हमारे शरीर में बननेवाले ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इस तरह जीरा शुगर के मरीजों को लाभ पहुंचाता है।

हृदय रोग में लाभकारी
 जीरा हमारे शरीर में कॉलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लीसराइड का स्तर भी घटाने का काम करता है। इन दोनों की ही मात्रा बढ़ना हमारे दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। 'कॉम्प्लिमेंट्री थेरेपीज इन क्लिनिकल प्रैक्टिस' जर्नल में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार, जीरे के नियमित सेवन से फास्टिंग कॉलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लीसराइड और एलडीएल (बैड कॉलेस्ट्रॉल) की मात्रा कम होती है और गुड कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाता है।

बढ़ते वजन और बढ़ती कमर को कम करे
जो लोग अपने बढ़ते वजन या कमर के बढ़ते साइज से परेशान हैं, उन्हें जीरा और इसके पाउडर का डेली डायट में नियमित इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि इसमें फाइबर और स्टार्च दोनों होते हैं। ये दोनों ही हमारे पाचनतंत्र को मजबूत बनाने का काम करते हैं और बॉडी में एक्सट्रा फैट जमा होने की प्रॉसेस खुद-ब-खुद धीमी हो जाती है। इससे कमर शेप में रहती है और वजन कंट्रोल में।

कफ रोकने में मददगार
 'ऑल्टरनेटिव थेरपीज इन हेल्थ ऐंड मेडिसिन' जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जीरा और मुलेठी दोनों कफ को दूर करने में कारगर हर्ब्स हैं। मुलेठी की ही तरह जीरे में भी ऐंटिमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो शरीर में कफ की मात्रा को नियंत्रित करती हैं और सर्दी-जुकाम जैसे वायरल इंफेक्शन से बचने में मदद करती हैं।

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