बढ़ती उम्र के साथ क्‍यों स‍िकुड़ने लगती है महिलाएं

आपने अक्‍सर देखा होगा क‍ि वृद्ध महिलाएं उम्र ढलने के साथ ही सिकुड़ी हुई सी नजर आती हैं और साथ-साथ कद में और छोटी लगने लगती हैं। कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्‍यों होता है। यह असल में ओस्टियोपोरोसिस का संकेत है। यानी बोन्‍स इतनी कमजोर हो चुकी हैं वे सिकुड़ने लगी हैं। जानिए क्‍या है यह बीमारी और कैसे बचा जा सकता है इसके घातक परिणामों से।

क्‍यों छोटा होने लगता है कद?
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कद के सिकुड़ते जाने का अर्थ है कि आपकी बैक बोन में अंतराल खत्‍म होना या कमजोर होकर सिकुड़ती जाना। असल में बैक बोन एक स्प्रिंग की तरह होती है। जब यह कमजोर होकर टूटती है इस स्प्रिंग के बीच का अंतराल खत्‍म हो जाता है। जिससे व्‍यक्ति को कद देने वाला आधार सिकुड़ जाता है और वह खुद भी सिकुड़ा हुआ महसूस होने लगता है। यह बैक बोन की गंभीर चोट का संकेत है। अब आप सोचेंगे कि चोट का पता क्‍यों नहीं चला। बैक बोन के टूटने का पता तब नहीं चलता जब तक वह किसी नस को न दबा रही हो। वरना उसमें दर्द भी नहीं होता। यह बुढ़ापे के सामान्‍य लक्षणों की तरह प्रतीत होता है।

क्‍यों सिकुड़ने लगती हैं बोन्‍स
मेडिकल साइंस में इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। जिसका मतलब होता है बढ़ती उम्र के साथ ही हड्डियों का कमजोर होना। इसमें बोन डेन्सिटी लगातर कम होती चली जाती है। यानी बोंस को जोड़ने वाला घनत्‍व कम होने लगता है। सिर्फ बढ़ती उम्र में ही नहीं कम उम्र में भी लोग इसकी गिरफ्त मे आने लगे हैं।

महिलाओं को होता है ज्‍यादा खतरा
माहवारी, गर्भावस्‍था, गर्भपात और फि‍र मेनोपॉज के कारण महिलाओं की बोन्‍स पर ज्‍यादा असर पड़ता है। पुरुषों के मुकाबले उनकी बोन्‍स जल्‍दी खराब होने लगती हैं। इसलिए उन्‍हें बोन हेल्‍थ पर ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत है। बढ़ता हुआ वजन भी बोन हेल्‍थ को नुकसान पहुंचाता है और लगातार एक ही पोजीशन में रहना भी बोन्‍स के लिए घातक होता है।

क्‍यों होता है ऐसा
कैल्शियम, विटामिन डी, सही आहार की कमी के कारण यह समस्‍या ज्‍यादा होती है। महिलाओं में कुछ खास हार्मोन होते हैं जो उन्‍हें प्रोडक्टिविटी के लिए तैयार करते हैं। इस कारण भी उनकी बोन हेल्‍थ को ज्‍यादा नुकसान पहुंचता है। खराब लाइफ स्‍टाइल, अस्‍वस्‍थ खानपान महिलाओं, पुरुषों और बच्‍चों में भी ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन रहा है।

इन बातों का रखें ध्‍यान
जन्‍म से लेकर किशोरावस्‍था तक ही केवल हमारी बोन्‍स बनती और विकसित होती हैं। इसल‍िए इस दौरान खानें पीनें का ध्‍यान दें।
– विटामिन डी, कैल्शियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से पूर्ण आहार लें। खुद को सक्रिय रखें।
– वर्कआउट को रूटीन में जरूर शामिल करें।
– अपने वजन को नियंत्रित रखें ताकि बोन्‍स पर ज्‍यादा बोझ न पड़े।

 

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