CM शिवराज का बड़ा ऐलान, बोले- प्रदेश के भाई-बहन जहां हैं, वहीं रुकें, सरकार वहन करेगी खर्च

भोपाल
मध्य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan)ने कोरोना वायरस ( Coronavirus) की आपदा के बीच कई बड़े ऐलान किए हैं. सीएम ने दूसरे प्रदेशों में रोजी रोटी के लिए गए प्रदेश वासियों से कहा है कि मध्‍य प्रदेश के मजदूर भाई-बहन जो दूसरे राज्यों में हैं, मेरा उनसे आग्रह है कि वे जहां हैं, वहीं रुकें. मैंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया है कि वे आपके रहने और खाने की व्यवस्था करें. इसमें जो खर्च आएगा,वह हमारी सरकार वहन करेगी.

आपको बता दें कि 14 अप्रैल तक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरा देश लॉकडाउन किया गया है, लेकिन दूसरे प्रदेशों में काम करने गए लोगों के अपने घर लौटने के सिलसिले ने मध्‍य प्रदेश समेत सभी राज्‍य सरकारों की मुसीबत बढ़ा दी है. इसके अलावा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसान क्रेडिट कार्ड को लेकर भी अहम फैसला लिया है.

यही नहीं, सीएम शिवराज ने किसानों को भी बड़ी राहत दी है. उन्‍होंने कहा कि मैं किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि चिंता मत करिए. किसान क्रेडिट कार्ड के भुगतान की तिथि को बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया गया है. यह फसल कटाई का समय है, इसलिए हार्वेस्टर पर रोक नहीं है, फसल कटेगी और हम खरीदी की भी पूरी व्यवस्था करेंगे.

अभी तक मध्‍य प्रदेश में कोरोना वायरस के 39 मामले पॉजिटिव आए हैं, जिसमें से दो लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि इंदौर 24 केस के साथ टॉप पर बना हुआ है. जबकि इस आपदा से निपटने के लिए सीएम शिवराज हर संभव प्रयास कर रहे हैं. यही नहीं, इंदौर में हालात बिगड़ने के बाद तो उन्‍होंने वहां के कलेक्‍टर और डीआईजी को भी बदल दिया था. वहीं, इंदौर के नये कलेक्‍टर मनीष सिंह ने सख्‍त रूख अपनाते हुए शहर को पूरी तरह लॉकडाउन करने की घोषणा कर अपने इरादे जता दिए हैं. देशभर में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 979 हो गई है तो मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 26 हो गया है.

मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का कोई संदिग्ध या पॉजिटिव संक्रमित या संस्था या परिसर या मकान मालिक क्वारेंटाइन या आइसोलेशन से मना नहीं कर सकता है, मना करने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) को एमपी एपीडेमिक डिसीजेज एक्ट 2020 के तहत यह अधिकार दे दिया गया है. शनिवार को एक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है. एक्ट को एक साल के लिए लागू किया गया है. एक्ट का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. किसी भी नर्सिंग होम या क्लीनिक या अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों को कोविड 19 के संदिग्ध या पॉजिटिव प्रकरणों की सूचना जिले की एकीकृत बीमारी सतर्कता ईकाई को तुरंत देनी होगी.

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