करोड़ों रुपए की परियोजना लेकिन अब भी प्यासे हैं नगर 

भोपाल
प्रदेश के नगरीय निकायों में पांच सालों में पेयजल सुलभ कराने के लिए 5500 करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू करने के बाद भी अधिकांश शहर प्यासे हैं। इन शहरों में लोगों को रोज पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। कई शहरों में तो तीन-तीन दिन के अंतर से पानी दिया जा रहा है। नगरीय विकास के अफसरों ने पेयजल के नाम पर करोड़ों रुपए की परियोजनाएं तो तैयार कराईं हैं पर उसे पूरा नहीं करा पाए हैं।

ब्यूरोक्रेसी इसकी मानीटरिंगल करने में नाकाम रही है जिसका सीधा असर प्रोजेक्टस की लागत बढ़ने और सुविधा में मिलने में देरी के रूप में सामने आया है। पांच साल तक नगरीय विकास विभाग के सचिव और प्रमुख सचिव रहे विवेक अग्रवाल के कार्यकाल में यह काम समय पर पूरे नहीं हुए और अब जब कांग्रेस की सरकार आई है तो डेढ़ माह में दो प्रमुख सचिव बदले जा चुके हैं। 

प्रदेश के 250 नगरीय निकायों में पेयजल परियोजनाओं को लेकर नगरीय विकास काम करा रहा है। इसमें से 65 निकायों में अरबन डेवलपमेंट कम्पनी की ओर से पेयजल परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इन सभी प्रोजेक्ट्स की लागत 3500 करोड़ रुपए से अधिक है। नगरीय विकास तीन साल से अधिक समय पूरा होने के बाद भी इन पेयजल प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं करा पाया है। अब तक 170 निकायों में प्रोजेक्ट वर्क पूरा हुआ है पर पानी की सप्लाई सभी स्थानों पर अभी शुरू होना बाकी है। अफसरों की मानें तो बचे प्रोजेक्ट्स का काम 2020 तक पूरा हो पाएगा। 

केंद्र सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों में सीवेज, ड्रेनेज, अरबन, ट्रांसपोर्ट के साथ पार्क और ग्रीन स्पेस के लिए भारत सरकार की मदद से परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। स्टेट एनुअल एक्शन प्लान (साप) के अंतर्गत अमृत योजना में पेयजल परियोजनाएं भी शामिल हैं जिसमें वाटर सप्लाई के लिए 3 निकायों में 2202 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट 2015-16 में स्वीकृत किए गए हैं। 

ये अभी पूरे नहीं हो पाए हैं और इनकी प्रोजेक्ट कास्ट बढ़ गई है। इन्हें इसी साल पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। इसमें नगर निगम इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, देवास, मुरैना, सतना, सागर, रतलामा, रीवा, कटनी, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खंडवा के अलावा नगर पालिका भिंड, गुना, शिवपुरी, विदिशा में इसके अंतर्गत परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इसके साथ ही छतरपुर, मंदसौर, खरगोन, नीमच, पीथमपुर, दमोह, होशंगाबाद, सीहोर, बैतूल, सिवनी, दतिया, नागदा, डबरा, ओंकारेश्वर नगरीय निकायों की परियोजनाएं भी शामिल हैं, जहां अभी काम पूरा होना है। 

अभी प्रदेश के तीन शहरों बिछुआ, डोंगर परासिया, जावर में तीन दिन के अंतर से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। वहीं 13 शहरों में दो दिन के अंतर से वाटर सप्लाई हो रही है, इनमें मुलताई, पांढुरना, खिलचीपुर, जीरापुर जैसे शहर शामिल हैं। इसके अलावा 100 नगरीय निकायों में एकदिन के अंतर से पीने का पानी दिया जा रहा है। 

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