CM ने लिए कुछ बड़े फैसले, लॉकडाउन के बाद ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की सहमति

रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोविड-19 के नियंत्रण और लॉकडाउन के बाद ठप पड़ी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की सहमति दी है. मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने आर्थिक गतिविधियां को चालू करने की सहमति दी है. सीएम बघेल ने लोगों की दिक्कतों को देखते हुए कुछ बड़े फैसले लिए हैं. सरकार के मुताबिक अब वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति तहसीलदार दे सकेंगे. अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया जा रहा है. तो वहीं रेड जोन और कंटेंनमेंट एरिया में फिलहाल कोई छूट नहीं मिलेगी.

भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार माल, सिनेमा घर, राजनीतिक सभाएं, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध पहले की तरह ही जारी रहेगा. प्रदेश में दुकानों को अब सप्ताह में 6 दिन खोलने का निर्णय लिया गया है. सभी दुकानों और बाजारों में सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. सरकार का मानना है कि हफ्ते में छह दिन दुकान खुलने से वहां एक साथ होने वाली भीड़ से राहत मिलेगी. साथ ही व्यवसायिक-व्यापारिक गतिविधियां शुरू होने से रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी.

बैठक में ज्यादा से ज्यादा उद्योगों को भी शुरू करने के उपायों पर विचार किया गया. सरकार का कहना है कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश के 1371 कारखानों में दोबारा काम शुरू हो गए हैं. इन कारखानों में एक लाख तीन हजार श्रमिक काम पर लौट चुके हैं. सीएम बघेल ने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन, रेडियो आदि की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराने के लिए मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं भी लेने को कहा है.

मुख्यमंत्री ने गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से क्वारंटाइन सेंटर में योग या अन्य प्रेरक गतिविधियां संचालित करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने तनाव कम करने पूरे दिन की व्यवस्थित दिनचर्या तैयार कर इसका पालन सुनिश्चित करने का भी सुझाव दिया है. सीएम बघेल ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले श्रमिकों को राशन और रोजगार की चिंता से मुक्त करने की जरूरत है. इसके लिए तत्काल उनके राशन कॉर्ड और मनरेगा जॉब-कार्ड बनवाए जाएं. सीएम बघेल ने कहा कि कोरोना वायरस की जांच, इलाज और रोकथाम के लिए जितनी भी राशि की जरूरत होगी, स्वास्थ्य विभाग को प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएगी. प्रदेश में अब तक दो लाख 12 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया है. अब तक 53 श्रमिक स्पेशल ट्रेन आ चुकी हैं और 68 प्रस्तावित हैं. जिला कलेक्टरों को राज्य आपदा निधि से 18 करोड़ 20 लाख रुपए और मुसीबत में फंसे मजदूरों की सहायता के लिए करीब चार करोड़ रुपए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं.

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