Chhattisgarh में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 900 में से 800 पद खाली

बिलासपुर
 प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी पर नहीं आ रही हैं। मौजूदा स्थिति में 900 विशेषज्ञ डॉक्टरों का सेटअप है, जबकि सिर्फ 100 पर नियुक्ति हो पाई है। वहीं, जिले में सिम्स को छोड़ दिया जाए तो स्वास्थ्य महकमे के पास 10 से भी कम विशेषज्ञ डॉक्टर हैं।

जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल, मातृ-शिशु अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 59 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 250 से ज्यादा उप प्राथमिक केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके बाद भी लोग बेहतर उपचार से वंचित हैं। इसकी मुख्य वजह विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति सबसे खराब है। जहां विशेषज्ञ तो दूर एमबीबीएस डॉक्टर भी नहीं मिल पाते हैं। इस कमी के बाद भी ज्यादातर विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रशासनिक कार्यों में लगा दिया गया है। इसकी वजह से इसकी सेवा मरीजों को नहीं मिल पाती है। यह स्थिति सभी जिलों की है।

जिला अस्पताल में सिर्फ आठ विशेषज्ञ

जिला अस्पताल के सभी डिपार्टमेंट में दो-दो वरिष्ठ डॉक्टरों का सेटअप है। जबकि आर्थोपेडिक को छोड़कर अन्य डिपार्टमेंट में एक-एक विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। इस तरहजिला अस्पताल में आठ और मातृ-शिशु अस्पताल में दो वरिष्ठ डॉक्टरों की सेवा मिल रही है।

– प्रदेश में 900 विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है। सिर्फ 100 से काम चल रहा है। धीरे-धीरे भर्ती कर इस कमी को दूर किया जाएगा। – टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री

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