CBSE: आंसर दिया क्रिएटिव, तो नहीं कटेंगे नंबर

 
नई दिल्ली 

सीबीएसई ने तय किया है कि अगर स्टूडेंट बोर्ड एग्जाम में सवाल का क्रिएटिव जवाब देता है, तो उस पर गौर किया जाएगा, ना कि नंबर काटे जाएंगे। इवैल्यूशन सेंटर्स पर बोर्ड टीचर्स को मार्किंग स्कीम में यह निर्देश भी देगा। इसके लिए दो महीने से सभी इवैल्यूटर्स को ट्रेनिंग भी दी जा रही है और पुरानी कॉपियां दिखाकर मॉक सेशन और उदाहरण देकर यह समझाया जा रहा है।  
 
बोर्ड का कहना है कि अगर बच्चा किताबों से बाहर जाकर अच्छा जवाब दे रहा है, तो उसे सपोर्ट करना चाहिए, ना कि नंबर काटने चाहिए। हालांकि, बोर्ड ने साफ किया कि क्रिएटिव आंसर के एक्स्ट्रा नंबर नहीं दिए जाएंगे। इसके अलावा, बोर्ड ने स्टूडेंट्स के पेपर में चॉइस भी ज्यादा दी है। पहले इंटरनल चॉइस करीब 10% थी, अब 33% हो गई है, यानी सवालों में ज्यादा चॉइस। 

एग्जामिनेशन कंट्रोलर डॉ संयम भारद्वाज कहते हैं कि अभी तक मार्किंग सिस्टम के तहत एक तय स्ट्रक्चर में चेक किए जाते हैं, मसलन हर स्टेप पर नंबर। मगर बच्चे इतने क्रिएटिव हैं कि वो कई बार दुनिया में हो रही नई घटनाओं या नई जानकारी या डेटा का जिक्र करते हुए जवाब देते हैं या कोई क्रिएटिव उदाहरण या लेखनी के साथ जवाब दे देते हैं। हमने स्टडी की है कि ये जवाब सही भी होते हैं मगर मार्किंग स्कीम में नहीं दिए गए हैं। अब हमने अपने टीचर्स को कहा है कि अच्छे जवाब पर सोचे-विचार कर भी नंबर दें, चाहे वो मार्किंग स्कीम में ना हो। उन्होंने बताया कि करीब 3 लाख से ऊपर टीचर्स को यह जानकारी प्रेजेंटेशन के साथ जानकारी दी जा चुकी है। 

सीबीएसई के सेक्रटरी अनुराग त्रिपाठी ने बताया, कई बच्चे चाहे मैथ्स हो या सोशल साइंस, सवाल का जवाब कई तरीके से देते हैं, जो कभी क्रिएटिव भी होते हैं। अगर जवाब क्रिएटिव है और सब्जेक्ट से जुड़ा है, तो बच्चे को नंबर मिलने ही चाहिए। हमने टीचर्स को ट्रेनिंग दी है ताकि वे बच्चों की क्रिएटिविटी को भी परख सकें। हर सवाल का क्रिएटिव जवाब हो सकता है, क्रिएटिविटी को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता और कोई भी ट्रेंड टीचर इसे समझ भी सकता है। इससे बच्चों की क्रिएटिव लर्निंग बढ़ेगी और तभी वे लीडर्स बनेंगे। 
 

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