‘BPCL का निजीकरण गलत पर हम हड़ताल नहीं करेंगे, सरकार बहुत ताकतवर है’

नई दिल्ली
सरकारी कंपनियों के अधिकारी चाहते हैं कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) को प्राइवटाइज करने का इरादा सरकार छोड़ दे। हालांकि इन अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों का कहना है कि वे अपनी इस मांग को लेकर हड़ताल नहीं करेंगे क्योंकि उनके सामने एक 'ताकतवर' सरकार है।
BPCL, इंडियन ऑयल, ONGC, NTPC, SAIL और BHEL जैसी कई सरकारी कंपनियों के अधिकारियों के संगठनों ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि BPCL को प्राइवटाइज करना सोने की चिड़िया को मारने जैसा होगा और इससे इकॉनमी, सरकार के सामाजिक कल्याण कार्यक्रम और एनर्जी सिक्यॉरिटी को नुकसान पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि BPCL को 1.06 लाख करोड़ रुपये के मौजूदा मार्केट प्राइस पर बेचने से सरकार को 30 पर्सेंट के कंट्रोल प्रीमियम सहित केवल 74,000 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो कंपनी की वास्तविक वैल्यू से काफी कम है। फेडरेशन ऑफ ऑयल PSU ऑफिसर्स (FOPO) और कन्फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र ऑफिसर्स असोसिएशन के कन्वीनर मुकुल कुमार ने हड़ताल की योजना के बारे में पूछने पर कहा, 'सरकार बहुत ताकतवर है। हम हड़ताल नहीं करेंगे।'

BPCL के कर्मचारी और अधिकारी कंपनी में सरकार के अपना पूरा मेजॉरिटी स्टेक बेचने के फैसले के खिलाफ हैं। सरकार की योजना मौजूदा फाइनैंशल ईयर में यह डील पूरी करने की है। इसके लिए लीगल, फाइनैंशल और वैल्यूएशन अडवाइजर्स नियुक्त किए जा चुके हैं।

BPCL के कर्मचारियों की यूनियन ने पिछले महीने एक दिन की हड़ताल की थी, लेकिन कंपनी के अधिकारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, कंपनी के अधिकारी प्राइवटाइजेशन के विरोध में सरकार को पत्र लिख रहे हैं। पिछले कुछ दशकों में कर्मचारी यूनियनों की ताकत काफी कम हुई है। उद्योगों में अब पहले की तुलना में बहुत कम हड़ताल होती हैं।

मुकुल कुमार ने कहा कि अगर प्राइवटाइजेशन के पीछे सरकार का एकमात्र उद्देश्य फिस्कल डेफिसिट को कम करना है तो सभी सरकारी कंपनियों के कर्मचारी BPCL के शेयर्स खरीदकर फंड जुटाने में मदद कर सकते हैं।

BPCL की ऑफिसर्स असोसिएशन के अनिल मेधे का कहना था कि प्राइवेट कंपनियां केवल प्रॉफिट वाले सेगमेंट में जाती हैं और सरकारी कंपनियों की तरह वे सामाजिक जिम्मेदारियां नहीं निभाती। इस वजह से BPCL को प्राइवटाइज करने से देश को नुकसान होगा। कुमार ने कहा, 'हम प्राइवटाइजेशन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन प्राइवेट कंपनियों को अपना इंफ्रास्ट्रक्चर खुद बनाना चाहिए। उन्हें सब कुछ तैयार कर नहीं दिया जाना चाहिए।'

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