BJP नेताओं की निष्क्रियता से बढ़ी चिंता, अब विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी

भोपाल
 भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल संसदीय सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए अपने विधायकों को अपना-अपना क्षेत्र जिताने की जिम्मेदारी सौंप दी है। साथ ही विधायकों से कहा गया है कि वे अपने चुनाव क्षेत्र के बाहर जाकर काम न करें। पार्टी से निर्देश मिलते ही विधायक विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर, विष्णु खत्री एवं सुदेश राय अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं। लोकसभा चुनाव में स्थानीय कार्यकर्ता एवं नेताओं द्वारा पिछले चुनावों की तरह रुचि नहीं लेने की वजह से यह फैसला लिया गया है। पार्टी के फैसले के बाद विधायकों ने खुद केा अपने क्षेत्र तक सीमित कर लिया है।

भोपाल संसदीय क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिनमें से पांच सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि तीन सीट कांगे्रस के पास हैं।  छह महीने पहले हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की जीत का अंतर करीब 65 हजार का रहा है, जो कि पिछले चुनावों की अपेक्षा काफी कम है। भाजपा द्वारा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में उस तरह का उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है, जितना पिछले चुनावों में रहा है। यही वजह है कि प्रज्ञा के चुनाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को उतरना पड़ा है। हालांकि संघ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी भाजपा से इतर चुनाव का काम कर रहे हैं।

विधायकों की पंसद से बनाई थी टीम

भाजपा ने भोपाल जिला की शहरी एवं ग्रामीण इकाईयों का गठन भाजपा नेताओं की पसंद से की थी। अब चूंकि मंडल एवं निचले स्तर के पदाधिकारी चुनाव में उत्साह नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में विधायकों को ही अपना-अपना क्षेत्र जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके बाद से नरेला विधायक विश्वास सारंग, हुजुर विधायक रामेश्वर शर्मा, गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर, बैरसिया विधायक विष्णु खत्री, सीहोर विधायक सुदेश राय अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित हैं। खास बात यह है कि विधायकों के काम-काज की समीक्षा खुद प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे कर रहे हैं। वे मंडल स्तर पर बैठकें कर चुनावी फीडबैक ले रहे हैं।

कांग्रेस की सीटों पर संघ और संगठन सक्रिय

संसदीय क्षेत्र की तीन सीट दक्षिण-पश्चिम, मध्य एवं उत्तर विधानसभा कांगे्रस के पास है। यहां से पार्टी ने विधानसभा के प्रत्याशियों के साथ-साथ संगठन के नेताओं केा जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें दक्षिण-पश्चिम से उमाशंकर गुप्ता, मध्य में सुरेन्द्र नाथ सिंह एवं सुरजीत सिंह चौहान, उत्तर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी महापौर आलोक को सौंपी गई है। यहां से विधानसभा प्रत्याशी रहीं फातिमा सिद्धीकी ने लोकसभा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर का प्रचार करने से इंकार कर दिया है।

हर नेता पर नजर रख रहे विनय और हाड़ा

भोपाल लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को कमान सौंपी है। साथ ही मप्र भाजपा ने वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह हाड़ा को चुनाव प्रभारी बनाया है। ये दोंनो नेता भोपाल भाजपा के नेताओं की सक्रियता पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रत्याशी के साथ घूम रहे कुछ नेताओं से दो टूक कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार का काम देखें, प्रत्याशी के साथ रहकर सिर्फ चेहरा दिखाने का काम न करें।

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