BJP की बंपर जीत के बाद चर्चा में यह पोस्टर, इस दिग्गज नेता को बताया ‘टाइगर ऑफ़ मप्र’

इंदौर
 मध्य प्रदेश में एक बार फिर कमल खिला है ।सत्ता परिवर्तन के छह माह के भीतर ही भाजपा ने धुआँधार वापसी की है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि मप्र में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बरकरार है। वहीं भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का अब पार्टी में कद बढ़ा और । पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत में कैलाश का अहम योगदान है। इस बड़ी जीत के बाद प्रदेश की सियासत में तमाम अटकलें भी शुरू हो गई है। सत्ता से बेदखल होने के बाद शिवराज बार-बार यह कहते रहे कि 'टाइगर अभी ज़िंदा' है, लेकिन अब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कैलाश विजयवर्गीय को भी टाइगर बताया है।  बंगाल में मिली बड़ी सफलता के बाद इंदौर में कैलाश के पोस्टर लगाए गए, जिसमे लिखा है कैलाश विजयवर्गीय टाइगर ऑफ मध्य प्रदेश।

खास बात ये है कि जिस तरह प्रदेश की राजनीति में लम्बे समय से कैलाश विजयवर्गीय का दबदबा रहा है, लेकिन मुख्य धारा में शिवराज ने प्रदेश की कमान संभाले रखी और विजयवर्गीय ने अपना पूरा फोकस बंगाल पर रखा। अब बंगाल में पहली बार कैलाश की मेहनत से भाजपा को मजबूती मिली है तो उनके समर्थकों ने एक बार फिर इन पोस्टरों के जरिये ये संदेश देने की कोशिश है कि कैलाश विजयवर्गीय अब मध्य प्रदेश की राजनीति में फिर वापसी कर सकते हैं। इससे पहले भी मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में बदलाव की अटकलों के बीच कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के भोपाल स्थित बंगले के बाहर कार्यकर्ताओं द्वारा एक होर्डिंग लगाया गया था जिसमे विजयवर्गीय के बड़े फोटो के साथ लिखा था कि 'देखो-देखो कौन आया, बीजेपी का शेर आया"। इस पोस्टर भी जमकर सियासत हुई थी, लेकिन तब कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश भाजपा में बदलाव और नई जिम्मेदारी मिलने के सवाल पर कहा था वे भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता हैं। यदि संगठन उन्हें झाडू लगाने को भी कहेगा तो वे उसके लिए भी तैयार हैं।


           

शिवराज खुद को बता चुके है टाईगर

शिवराज के बाद कैलाश दूसरे टाइगर बन गए है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और मुख्यमंत्री पद गंवाने के बाद शिवराज विचलित नही हुए थे बल्कि खुद को एमपी का टाइगर करार दिया था। उन्होंने जनता से कहा था कि चिंता करने की जरुरत नही, टाईगर अभी जिंदा है।ऐसे में शहरभर में लगे ये पोस्टर शिवराज को चुनौती और संदेश दे रहे हैं कि वे अकेले ही नही बल्कि प्रदेश में एक और टाइगर आ गया है।

बॉस का एक इशारा और गिरा देंगें सरकार

बीते दिनों उनका एक बयान खूब चर्चा में रहा था।जिसमें उन्होंने प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने की बात कही थी। कैलाश ने कहा था कि यदि बॉस का इशारा मिल जाए तो वह मप्र की कांग्रेस सरकार को सात दिन में गिरा देंगे।इसके पहले उन्होंने कहा था कि कमलनाथ सरकार भाजपा की कृपा से चल रही है और जिस दिन भाजपा आलाकमान को छींक भर आ गई, उसी दिन मध्यप्रदेश में भाजपा फिर से सत्ता में आ जाएगी।ऐसे में इन पोस्टरों ने सियासत को फिर हवा दे दी है और चर्चाओ का बाजार गर्म कर दिया है।

बंगाल के चक्कर में इंदौर छोड़ा

जैसे ही पार्टी ने कैलाश को पश्चिम बंगाल की कमान सौंपी वैसे ही वे सब छोड़छाड़ कर उनमें जुट गए । लगातार  सडक से लेकर सोशल मीडिया तक विजयवर्गीय ने ममता सरकार को घेरने शुरु कर दिया। हाल ही चुनाव के दौरान जब हिंसा भड़की थी तब भी बीजेपी नेताओं पर हमले किए गए थे, कई नेताओं के हैलीकॉफ्टर को लैडिंग की परमिशन नही दी, सभाएं रद्द करवाई गई और ना जाने क्या। बावजूद इसके कैलाश वहां डटे रहे और पार्टी के फेवर में माहौल तैयार करते रहे ,इसके लिए उन्हें इंदौर से भी दूर रहना पड़ा बावजूद इसके वे दोनों तरफ अपनी नजर जमाए हुए थे।बीते दिनों जब उनके इंदौर से चुनाव लड़ने की अटकलें थी तब उन्होंने यह कहकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था कि उन पर अभी पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी है, उनका सारा फोकस वही बना हुआ है और आगे जो पार्टी का फैसला।  

इतिहास में पहली बार पश्चिम बंगाल में बीजेपी को बड़ी जीत

इस बार के लोकसभा चुनाव के परिणाम सबसे चौंकाने वाले रहे। जहां 2014  में बीजेपी यहां सिर्फ खाता ही खोल पाई थी वहां इस बार प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में 42  में से 18  सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब हुई।बंगाल के इतिहास में पहली बार है जब बीजेपी ने लोकसभा सीटों के लिए दहाई का आंकड़ा पार किया हो।

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