सात विवि पर सूबे के डेढ दर्जन आटोनोमश कालेज भारी 

भोपाल 
प्रदेश के सात विश्वविद्यालय पर सूबे के डेढ़ दर्जन आटोनोमश कालेज भारी पड़ रहे हैं। क्योंकि उक्त विवि छठवें सेमेस्टर के रिजल्टदेना तो दूर वे अभी तक अपनी परीक्षाएं तक पूरी नहीं कर सके हैं। जबकि आटोनोमश कालेजों की परीक्षाएं हो चुकी हैं। आटोनोमश कालेज के रिजल्ट आने से विद्यार्थी बीएड, बीपीएड, एमपीएड, एमएड,बीएडएमएड, बीएससीबीएड, बीएबीएड, बीएससीबीएड और बीएलएड के अलावा मई के प्रथम सप्ताह में शुरू होने वाली स्नातकोत्तर की काउंसलिंग में प्रवेश भी ले पाएंगे। 

विभाग बीएड सहित एनसीटीई के नौ कोर्स में प्रवेश करा रहा है। दूसरा चरण अंतिम पायदान पर पहुंच गया है। इसमें आवंटित सीटों पर विद्यार्थी 25 मई तक प्रवेश ले पाएंगे। बीएड और बीपीएड में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी वर्तमान सत्र में यूजी की डिग्री लेने वाले नहीं हैं। गत वर्ष डिग्री करने वाले विद्यार्थी बीएड कालेजों में दाखिला ले रहे हैं। क्योंकि राज्य का कोई भी विवि छठवें सेमेस्टर के रिजल्ट अभी तक नहीं दे सका है। यहां तक वे अपनी परीक्षाएं तक नहीं करा सके हैं। इससे छठवें सेमेस्टर में पढ़ने वाले विद्यार्थी विभाग की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे। जबकि आटोनोमश कालेज छठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं करा चुके हैं। अब वे रिजल्ट देने की तैयारी में हैं। जैसे ही वे रिजल्ट जारी करते हैं। विद्यार्थी अपनी मार्कशीट देकर बीएड, बीपीएड के अलावा अन्य कोर्स की काउंसलिंग में भागीदारी कर प्रवेश ले पाएंगे। बीएड की प्रथम राउंड में करीब 12 हजार 800 विद्यार्थियों ने दाखिला हुए हैं। जबकि दूसरे राउंड का स्कोर अभी तक एक हजार तक पहुंच सका है। वर्तमान में राज्य में बीएड की करीब 38 हजार सीटें रिक्त बनी हुई हैं। 

चुनाव बना बहाना 
राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव का बहाना बनाकर सभी परीक्षा समय पर कराने से बचते रहे हैं। आयुक्त राघवेंद्र सिंह ने प्रदेश के सभी रजिस्ट्रार की बैठक आयोजित कराई थी। इसमें उन्होंने निर्देश जारी किए थे कि वे छठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं मई में हर हाल में समाप्त कर रिजल्ट जारी करें। यहां तक उन्होंने रजिस्ट्रार को परीक्षाओं के संशोधित टाइम टेबिल जारी कर जल्द परीक्षाएं कराने तक के निर्देश दिए थे, लेकिन किसी भी विवि ने परीक्षाओं पर गंभीरता नहीं दिखाई है। यहां तक सभी ने उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव का बहाना बनाकर अपने ऊपर होने वाली कार्रवाई से बचाव जरुर कर लिया है। विवि लेटलतीफी विद्यार्थियों के लिए नुकसानदायक साबित होगी। 

 ये रहे आटोनोमश कालेज 

  • एमएलबी, नूतन और गीतांजलि कालेज भोपाल 
  • कमलाराजे पीजी कालेज ग्वालियर 
  • होल्कर साइंस कालेज और माता जीजा बाई इंदौर 
  • साइंस, महाकौशल, एमएच होमसाइंस और एमकेबी कालेज जबलपुर 
  • महाराजा कालेज छतरपुर, 
  • पीजी कालेज सतना, सागर, छिंदवाडा और दतिया 
  • ठाकुर रणमत सिंह कालेज रीवा 
  • संजय गांधी स्मृति कालेज सीधी 

राज्य के विवि 
बीयू भोपाल, डीएविवि इंदौर, जीवाजी विवि ग्वालियर, एपीएस रीवा, विक्रम विवि उज्जैन, महाराज छात्रसाल विवि छतरपुर और आरडीविवि जबलपुर। 

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