महबूबा मुफ्ती के गढ़ अनंतनाग में मात्र 13 फीसदी मतदान
अनंतनाग
कश्मीर के अनंतनाग के बिजबेहरा में मंगलवार को मौसम बेहद खुशनुमा था। मुफ्ती परिवार के इस गृह नगर में लोकसभा चुनाव के दौरान बंदूक लेकर चलने वाले आतंकवादियों का खौफ साफ दिखाई पड़ा। अनंतनाग संसदीय सीट का ज्यादा हिस्सा वीरान नजर आया और घाटी में पाकिस्तान समर्थक आतंकवादियों की चुनाव बहिष्कार की धमकी के कारण केवल 13 फीसदी लोगों ने ही मतदान किया।
सुरक्षा कारणों से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग लोकसभा सीट की 16 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान हो रहा है। मंगलवार को छह विधानसभा सीटों बिजबेहरा, अनंतनाग, दोरु, कोकेरनाग, शांगास और पहलगाम में गुरुवार को लोकसभा के लिए मतदान हुआ। बाकी बची 10 विधानसभा सीटों पर 29 अप्रैल और छह मई को चुनाव होंगे। इसके बाद इस सीट पर कुल मतदान का प्रतिशत निर्धारित होगा।
हिज्बुल कमांडर ने दी धमकी
पिछले लोकसभा चुनाव में अनंतनाग लोकसभा सीट पर महबूबा मुफ्ती को जीत मिली थी। हालांकि बाद में जम्मू-कश्मीर का सीएम बनने के बाद उन्होंने जून, 2016 में इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद जुलाई 2016 में घाटी में बीजेपी-पीडीपी सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। कई इलाकों में हिंसा भी हुई, जिसको देखते हुए वर्ष 2017 में यहां पर उपचुनाव को रद्द कर दिया गया था।
इस महीने की शुरुआत में हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू ने एक विडियो जारी कर कहा था कि लोग चुनाव से दूर रहें अन्यथा उन्हें 'बंदूकों का सामना' करना होगा। हुर्रियत कान्फ्रेंस ने भी चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। महबूबा मुफ्ती के गढ़ और अनंतनाग लोकसभा सीट के तहत आने वाले बिजबेहरा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदान केंद्र ऐसे थे जहां एक भी वोट नहीं पड़ा।