प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं, चुनाव लड़ने पर EC करेगा फैसला

भोपाल 
साल 2008 में हुए मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी) ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि आरोपी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं है. इसके बाद प्रज्ञा चुनाव लड़ पाएंगी या नहीं इसका फैसला अब इलेक्शन कमीशन के पाले में है. प्रज्ञा ने मंगलवार को ही भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर परचा दाखिल कर दिया है.

बता दें कि निसार बिलाल नाम के एक व्यक्ति ने एनआईए स्पेशल कोर्ट से अपील की थी कि जब तक ट्रायल चल रहा है प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से चुनाव लड़ने से रोका जाए. निसार का बेटा सैयद अहमन मालेगांव बम धमाके में मारा गया था. इसके बाद एनआईए ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा है कि 2006 में उसने जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है उसमें प्रज्ञा के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने होने की बात क़ुबूल की गई है. एनआईए ने अपने चार पेज के जवाब में एनआईए जज वीएस पडालकर से कहा कि प्रज्ञा और अन्य चार आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए हैं.

प्रज्ञा ठाकुर ने मंगलवार को नामांकन भी दाखिल किया और उसके साथ अपनी संपत्ति का ब्योरा भी दिया है. इसमें दिए ब्योरे के मुताबिक प्रज्ञा सिंह ठाकुर भिक्षा और समाज से मिलने वाली मदद पर निर्भर हैं. उनकी अपनी अलग से कोई आय नहीं है. उन्होंने लिखा है कि आय का स्रोत भिक्षाटन और समाज है. इस हिसाब से अब तक उनके पास कुल 4 लाख 44 हजार 224 रुपये की चल-अचल संपत्ति है. इसमें 2 लाख 54 हजार 400 रुपये के ज़ेवरात भी शामिल हैं.

बीजेपी प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर पर आपराधिक केस भी थाने में दर्ज हैं. उन पर हत्या, हत्या का प्रयास और आतंकवादी कृत्य के मामले दर्ज हैं. उनके ख़िलाफ नासिक स्थित मालेगांव में 2008 में एफआईआर दर्ज हुई थी और मामला बाम्बे उच्च न्यायालय में लंबित है.

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