माघ पूर्णिमा पर दिखेगा साल का सबसे बड़ा चांद, हो जाएं तैयार

हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा को काफी पवित्र माना जाता है। इस दिन के साथ ही कल्पवास भी सम्पन्न हो जाएगा। पवित्र माघ मास की पूर्णिमा मंगलवार 19 फरवरी को है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का वास गंगाजल में होता है।

इस खास दिन पर स्नान और दान की महत्ता काफी बढ़ जाती है। इस दिन गंगाजल के स्पर्श मात्र से ही काफी लाभ मिलता है। ग्रंथों में तो भगवान विष्णु को खुश करने के मार्ग के रूप में बताया गया है कि माघ पूर्णिमा पर व्यक्ति को पुण्य स्नान करना चाहिए।

इस दिन व्यक्ति को खासतौर पर काले तिल का दान करना चाहिए। भगवान सत्यनारायण की कथा करें। पंचामृत के साथ ही भूने आटे और चीनी का प्रसाद बनाएं।

धार्मिक दृष्टि से ही माघ पूर्णिमा महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि खगोलीय घटना के लिहाज से भी ये दिन काफी अहम है। दरअसल 19 फरवरी की रात को चांद काफी विशाल और खूबसूरत नजर आने वाला है और इस चांद को सुपर स्नो मून के नाम से जाना जाएगा। इस दौरान चांद सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार नजर आएगा।

नासा के अनुसार सुपरमून तब होता है जब पूर्णिमा की रात चांद धरती के सबसे करीबी पॉइंट पर होता है और इस वजह से वो ज्यादा चमकीला और बड़ा दिखाई देता है। इसका आकार और इसकी रौशनी दूसरे पूर्णिमा के चांद की तुलना में ज्यादा होती है।

भारत में सुपर स्नो मून आप 19 फरवरी की रात को 11 बजकर 23 मिनट पर देख पाएंगे। आप इसकी खूबसूरती को बेहतर ढंग से निहारने के लिए दूरबीन या छोटे टेलिस्कोप का इस्तेमाल कर सकते हैं। 2019 के बाद चांद का ऐसा रूप आप दिसंबर 2026 में देख पाएंगे।

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