दो वक्त की रोटी के लिए राशन कार्ड गिरवी रखने पर मजबूर आदिवासी परिवार
शिवपुरी
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के आदिवासी इलाकों में अपने बीपीएल कार्ड गिरवी रखने पर दो जून की रोटी जुटाने पर मजबूर है. आदिवासी परिवार आर्थिक तंगी और मजबूरी के चलते अपने बीपीएल कार्ड दंबगों के यहां गिरवी रख देते हैं और फिर कार्ड मुक्त करवाने में सक्षम नहीं हो पाते हैं. मध्यप्रदेश के खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री है, इसके बावजूद जिले के आदिवासी समुदाय के लोगों को खाने के लिए कई प्रकार के जतन करने पड़ते हैं.
शिवपुरी जिले के आदिवासी बाहुल्य गांवों में आदिवासी मजबूरी के चलते अपने बीपीएल कार्ड गिरवी रखने के लिए मजबूर है. अगर एक बार किसी आदिवासी परिवार का राशन कार्ड किन्हीं परिस्थितियों में दबंगों के यहां गिरवी रख दिया जाता है तो दबंग उन पर कब्जा कर लेते हैं और वापस नहीं करते. इसके चलते मजबूर ग्रामीणों को बाजार दर पर राशन खरीदना पड़ता है.
आदिवासी महिलाओं के अनुसार उनके घर में कोई परेशानी आने पर उनके पास इलाज के लिए पैसा नहीं होता. मजबूरी में वे अपना राशन कार्ड आस-पड़ोस के दबंग परिवार के यहां गिरवी रखते हैं और इलाज के लिए पैसा जुटाते हैं. महिलाओं के अनुसार दो वक्त की रोटी के लिए भी कई बार राशन कार्ड गिरवी रखना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि एक बार कार्ड गिरवी रखा जाता है तो फिर वापस नहीं आता और उन्हें बाजार से राशन खरीदना पड़ता है.
गांव की आदिवासी महिला ने बताया कि उसके बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसने अपना राशन कार्ड गिरवी रखकर उसका इलाज करवाया, लेकिन फिर भी बच्चा बच नहीं सका. महिला ने बताया कि अब वह अपना कार्ड वापस लेने की स्थिति में नहीं है, जिसके चलते उसे बाजार से किसी तरह दो वक्त की रोटी जुटानी पड़ती है. गांव की ही दूसरी महिला का कहना है कि उसके पति के हाथ में चोट लग गई थी, जिसके बाद परिवार के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गय़ा और इसी मजबूरी में उसने राशन कार्ड गिरवी रख दिया, जो आज तक वापस नहीं मिला.
मामले में आदिवासी नेता रामप्रकाश का कहना है कि शिवपुरी जिले में कम से कम 70 गांव ऐसे हैं जहां आदिवासियों के बीपीएल कार्ड दबंगों के यहां गिरवी रखे हैं और उनके हिस्से का राशन दबंग परिवार ही ले रहे हैं. रामप्रकाश का कहना है कि प्रदेश में राशन व्यवस्था बदलने के बाद भी दंबग परिवार एक साथ कई राशन कार्ड से राशन प्राप्त कर रहे हैं, जो कि जांच का विषय है.