9वीं में दाखिले के साथ दी नई साइकिल, ज्योति को शिक्षा विभाग ने किया सलाम

पटना 
लॉकडाउन के बीच अपने बीमार पिता को गुरुग्राम से दरभंगा के अपने सिरहुल्ली गांव तक साइकिल से लेकर 1200 किमी आने वाली ज्योति कुमारी के साहस को राज्य सरकार ने भी सलाम किया है। सरकार के शिक्षा विभाग ने शनिवार को दरभंगा के जिला शिक्षा पदाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ज्योति के गांव भेजी। यह टीम नामांकन रजिस्टर लेकर मोहन जायसवाल और फूलो देवी की बेटी ज्योति का सरकारी स्कूल में नामांकन करने पहुंची थी। इस दौरान बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना पदाधिकारी संजय सिंह मुख्यालय से सिरहुल्ली गांव गयी टीम के साथ ऑनलाइन जुड़े रहे। 

दरभंगा डीईओ डा. महेश प्रसाद सिंह एवं उनकी टीम ने सिरहुल्ली गांव में ही ज्योति का नामांकन पास के पिंडारुछ गांव स्थित प्लसटू राजकीयकृत उच्च विद्यालय में 9वीं कक्षा में कराया। डीईओ के साथ डीपीओ और उस स्कूल के हेडमास्टर भी मौके पर मौजूद रहे। अफसरों की टीम ने ज्योति को शिक्षा विभाग की ओर से एक नयी साइकिल, दो जोड़ी पोशाक, जूता-मोजा, स्कूल बैग एवं 9वीं कक्षा के पाठ्यपुस्तकों का एक सेट ज्योति को भेंट किया ताकि वह अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके। 

बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह ने बताया कि बीईपी ने ज्योति के साहस और उसकी पितृभक्ति को सम्मानित किया है। उसने वर्ष 2017 में मध्य विद्यालय सिरहुल्ली से आठवीं की पढ़ाई पूरी की थी लेकिन आर्थिक कठिनाई की वजह से आगे पढ़ाई जारी नहीं रख सकी। पिता के पास दिल्ली चली गयी थी और वहां पढ़ाई हो न सकी। अब 9वीं में नामांकन हो जाने के बाद ज्योति आगे की पढ़ाई कर सकेगी। उसके स्पोर्टिंग स्किल को भी आगे बढ़ाने में शिक्षा विभाग उसकी हर जरूरतों को पूरी करेगा। श्री सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग की टीम द्वारा सम्मानित किये जाने के बाद ज्योति कुमारी को चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन ने भी अपनी ओर से 5100 रुपए देकर उसकी हौसलाअफजाई की। 

इंवाका ट्रंप ने भी ज्योति के हौसले को सराहा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति के हौसले को सराहा है और उसकी संघर्षपूर्ण कहानी को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। अब आप सोच रहे होंगे कि ज्योति ने ऐसा क्या किया कि इवांका ट्रंप उनकी मुरीद हो गई। दरअसल, दरभंगा के सिरहुल्ली गांव की ज्योति लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को लेकर साइकिल से गुड़गांव से दरभंगा पहुंच गई। तकरीबन 12 सौ किलोमीटर के इस संघर्षपूर्ण सफर को हौसले के साथ पूरा किया।

साइकलिंग फेडरेशन के चेयरमैन ने दी शाबाशी
एचटी मीडिया समूह की वेबसाइट लाइव मिंट पर चल रही ज्योति की कहानी को शुक्रवार इवांका ट्रम्प ने ट्विटर पर साझा किया। 'हिन्दुस्तान' पहले ही ज्योति की संघर्षपूर्ण कहानी सामने ला चुका था, जिसके बाद कई लोग और संगठन उसकी तथा उसके परिवार की मदद को सामने आए हैं। ज्योति आठवीं की छात्रा है। लिहाजा उसकी पढ़ाई में मदद का भरोसा दिया गया है। साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ज्योति को अगले महीने ट्रायल के लिए भी बुलाया है। ज्योति ने शुक्रवार को बताया कि उसे एक कॉल आया है। साइकिलिंग फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने उसे शाबाशी के साथ आशीर्वाद भी दिया।

बीमार पिता की सेवा के लिए गई थी गुड़गांव
दरभंगा की 15 साल की ज्योति जनवरी में अपने बीमार पिता की सेवा के लिए गुड़गांव गई थी। इसी बीच मार्च में लॉकडाउन हो गया और वह गुड़गांव में ही फंस गई। बीमार पिता की जेब खाली थी। पिता और बेटी के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई। इसी बीच प्रधानमंत्री राहत कोष से एक हजार रुपये खाते में आए। ज्येाति ने कुछ और पैसे मिलाकर पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को उस पर बिठाकर गांव लाने की ठानी। पिता पहले नहीं माने पर बेटी के हौसेले के आगे हां कर दी।

आठ दिनों में गुड़गांव से पहुंची दरभंगा
ज्योति आठ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 12 सौ किलोमीटर साइकिल चलाकर पिता को लेकर गुड़गांव से दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंच गई। इस बीच शुक्रवार को राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला स्थित डॉ. गोविंद चंद्र मिश्रा एजुकेशनल फाउंडेशन ने भी ज्योति को नि:शुल्क शिक्षा और उसके पिता मोहन पासवान को नौकरी का प्रस्ताव दिया है। फाउंडेशन ने सिरहुल्ली निवासी मोहन पासवान और उनकी पुत्री ज्योति कुमारी को हरसंभव सहायता करने का निर्णय लिया है। 

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