8669 करोड़ की टैक्स वसूली बनी टेढ़ी खीर
भोपाल
प्रदेश का खजाना भले ही खाली पड़ा हो, मगर उसे भरने में दिलचस्पी किसी को नहीं है। हालत यह है कि वर्ष 2017-18 में जो आठ हजार 669 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में सरकार को मिलने थे, वो भी नहीं मिल पा रहा है। गजब तो यह है कि इसमें से चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के टैक्स पर कोई विवाद नहीं है, फिर भी वसूली अब तक नहीं हुई। वहीं साढ़े चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स विवादों में घिरा है और इस राशि को हासिल करने के रास्ते भी अभी तक नहीं निकले जा सके हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार कर्जमाफी जैसी भारी भरकम खर्चे वाली योजना चला रही है और ज्यादा से ज्यादा राशि की दरकार है। सूत्रों का कहना है कि सीएम बनते ही सबसे पहले खाली खजाने की चिंता की। वित्त मंत्री तरुण भनोत ने सभी विभागों के मंत्रियों को नोटशीट लिखकर आय बढ़ाने के सुझाव देने के साथ ही लंबित वसूली पर ध्यान देने का आग्रह किया। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन और प्रमुख सचिव वित्त मनोज कुमार गोविल ने विभाग प्रमुखों के साथ लगातार बैठक कर खर्च कम करने और आय बढ़ाने पर जोर दिया। इसके बावजूद न तो मंत्रियों ने विभाग को सुझाव दिए और न ही खुद कोई कदम उठाया। इसका असर यह हुआ कि आठ हजार 669 करोड़ रुपए अब भी लंबित हैं। वित्त मंत्री तरुण भनोत का कहना है कि राजस्व बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जो वसूलियां लंबित हैं उनकी समीक्षा की जाएगी।