55 स्कूल, 2100 विद्यार्थी, नियमित शिक्षक एक भी नहीं

जबलपुर
 सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लाख दावे किए जाएं, लेकिन स्थिति उसके उलट ही बनी हुई है। जिले के 55 सरकारी स्कूलों में दो साल से एक भी शिक्षक नहीं हैं, जबकि यहां पर विद्यार्थियों की संख्या 2100 है। पहली दफा स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों के ऑनलाइन तबादला कर रहा है।

बहुत से शिक्षक स्थानांतरण का लाभ लेकर नए स्कूलों में जॉइनिंग दे चुके हैं, फिर भी इन स्कूलों में आज तक कोई पोस्टिंग नहीं गई। इन स्कूलों के प्राचार्य इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इन स्कूलों का परिणाम कभी बेहतर नहीं आया

55 प्राइमरी और माध्यमिक स्कूल के परीक्षा परिणाम कभी बेहतर नहीं आए। इसका एक मात्र कारण नियमित शिक्षकों की पदस्थापना न होना है। बताया जा रहा है कि विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो इसके लिए अतिथि शिक्षकों से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है।

अतिथि शिक्षक भी सेवाएं देने तैयार नहीं

शिक्षकों के तबादला होने से इस बार शिक्षक विहीन स्कूलों में अतिथि शिक्षक भी पढ़ाने को तैयार नहीं हैं। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि फिलहाल स्कूल में शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं हो रही है, लेकिन शिक्षक आ जाएंगे तो उन्हें अलग कर दिया जाएगा। इसलिए वे उन स्कूलों का चयन कर रहे हैं जहां पर पद खाली हैं और शिक्षकों की पोस्िटग हो चुकी है।

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