5 लाख रुपए का मुफ्त बीमा घर बैठे देगी मोदी सरकार, नहीं लगाने होंगे दफ्तरों के चक्कर

 
नई दिल्ली। 

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बीमा योजना आयुष्मान भारत को शहरी इलाकों में लाभार्थियों की पहचान में मुश्किल आ रही थी। लेकिन अब उसने इसका तोड़ निकाल लिया है। इसके लिए एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्विगी और जोमैटो सहित 21 निजी कंपनियों के साथ हाथ मिलाने की तैयारी है ताकि उनके हजारों कर्मचारियों को इस योजना से जोड़ा जा सके। आयुष्मान भारत ने इसके लिए पहली बार किसी निजी कंपनी के साथ साझेदारी की है। उसने कार एग्रीगेटर कंपनी उबर इंडिया के साथ एक करार किया है। इसके तहत कंपनी अपने ऐसे साझेदार चालकों की पहचान करेगी जो इस योजना के लिए पात्र होंगे। उन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना की पेशकश की जाएगी जिसके तहत उन्हें सालाना पांच लाख रुपए का बीमा कवर दिया जाएगा। 

कंपनियां खुद करेंगी लाभार्थियों की पहचान
उबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी प्रदीप परमेश्वरन ने कहा कि उसके 40 फीसदी साझेदार चालक और उनका परिवार गोल्ड कार्ड का हकदार होगा।  आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्याधिकारी इंदु भूषण ने कहा कि हमारी योजना देशभर में 50 करोड़ लोगों तक पहुंचने की है। शहरी इलाकों में हमारे आंकड़े और पहुंच उतनी अच्छी नहीं हैं जितने कि ग्रामीण इलाकों में। अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने हमारे लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। अगर उबर के साथ हमारा प्रयोग सफल रहता है तो हम निजी क्षेत्र की और कंपनियों के साथ भी हाथ मिलाएंगे। इसके लिए हमने 21 संभावित साझेदारों की पहचान की है। इन कंपनियों में बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारी हैं जो हमारी शर्तों में फिट बैठते हैं।

बिना मशकक्त मिल जाएंगे डेढ़ करोड़ लाभार्थी
अनुमानों के मुताबिक, इन कंपनियों में 30 लाख से अधिक कर्मचारी हैं। इनमें ड्राइवरों के अलावा डिलिवरी बॉय और गोदामों में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं। अगर इनमें सभी इस योजना की अहर्ताएं पूरी करते हैं तो आयुष्मान योजना को एक परिवार में औसतन पांच सदस्यों के हिसाब से 1.5 करोड़ ग्राहक मिल जाएंगे।  आयुष्मान भारत पहले ही दो करोड़ स्वास्थ्य कार्ड जारी कर चुका है और उसने अगले तीन महीनों में और तीन करोड़ कार्ड जारी करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। भूषण ने कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों की प्रतिमाह तीन-चार लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दी गई है। इस योजना के तहत सरकार 13.5 लाख लाभार्थियों को 1,800 करोड़ रुपए वितरित कर चुकी है।

200 अस्पतालों को मान्यता देने पर नजर  
अभी भूषण की नजर देश के शीर्ष 200 अस्पतालों पर है ताकि उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत मान्यता दी जा सके। यह अपने आप में एक चुनौती है क्योंकि इनमें से कई अस्पतालों का कहना है कि योजना के तहत विभिन्न बीमारियों के लिए तय की गई दर बहुत कम है। भूषण ने कहा कि अभी इनमें से केवल 30 फीसदी अस्पताल ही इस योजना से जुड़े हैं। आयुष्मान भारत योजना के लिए पात्र साझेदारों की पहचान में मदद के लिए उबर इंडिया के पार्टनर सेवा केंद्रों की भी सहायता ली जाएगी। 

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