5 फीसदी MBA-MCA की सीटों पर विद्यार्थियों को मिलेगा मुफ्त दाखिला

भोपाल
प्रदेश के इंजीनियरिंग के बाद अब एमबीए और एमसीए में विद्यार्थियों को आगामी सत्र 2020-21 में निशुल्क पढ़ाने का मौका मिलेगा। एआईसीटीई के निर्देश के मुताबिक अब तकनीकी शिक्षा विभाग एमबीए और एमसीए की पांच फीसदी सीटों पर प्रवेश कराने काउंसलिंग कराएगा। ये काउंसलिंग कब से शुरू होगी। इस संबंध में डीटीई फाइलों का मूवमेंट कर रहा है।

प्रदेश के इंजीनियरिंग के साथ अब एमबीए और एमसीए कोर्स का संचालन करने वाले कालेज अपनी पांच फीसदी सीटों पर निशुल्क प्रवेश करा पाएंगे। एआईसीटीई उन्हें अपने कुल इंटेक का पांच फीसदी सीटों को अलग से प्रवेश कराने के लिए देगा। इसमें आठ लाख सालाना आय वाल परिवार का बच्चे टीएफडब्ल्यू (ट्यूशन फीस वेबर स्कीम) के तहत प्रवेश ले पाएगा। डीटीई इंजीनियरिंग के साथ एमबीए और एमसीए की काउंसलिंग कराएगा। ये काउंसलिंग सामान्य काउसंलिंग के पहले आयोजित कर टीएफडब्ल्यू की सीटों पर प्रवेश होंगे।

तीस फीसदी प्रवेश वाले कालेजों को मिलेगा मौका
गत वर्ष 162 कालेजों में से करीब 90 कालेजों में तीस फीसदी से कम प्रवेश हुए थे। इससे वे अपनी कुल इंटेक की पांच फीसदी सीटों पर टीएफडब्ल्यू के तहत प्रवेश नहीं दे पाएंगे। पहली बार एमबीए और एमसीए में भी तीस फीसदी प्रवेश का नियम लागू होगा। इसलिए दोनों कोर्स में तीस फीसदी से कम प्रवेश होने पर कालेज टीएफडब्ल्यू पर प्रवेश नहीं दे पाएंगे। गत वर्ष डीटीई ने प्रदेश के कालेजों की टीएफडब्ल्यू की 1 हजार 922 सीटों में दाखिला देने के लिए काउंसलिंग कराई थी, जिसमें 978 सीटों पर ही प्रवेश हुए थे।

लाकडाउन से रुकी हुई है एआईसीटीई का मूवमेंट
लाकडाउन के चलते एआईसीटीई ने कालेजों की मान्यता और निरंतरता देने का सिलसिला रोक रखा है। लाकडाउन के पहले तक आवेदन कराने की प्रक्रिया चलन में थी। हालांकि एआईसीटीई यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत ही कार्य कर रहा है। लाकडाउन खुलने के बाद एआईसीटीई के पास ज्यादा वक्त नहीं रहेगा, जिसमें वह कालेजों का निरीक्षण कराकर उनकी मान्यता और निरंतरता जारी कर सके। इसके लिए उन्हें बिना निरीक्षण के ही प्रवेश की अनुमति देना होगी।

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