5 दिनों में स्वास्थ्य विभाग के 47 कर्मियों को पाया गया कोरोना पॉजिटिव, मानवाधिकार आयोग ने तलब की रिपोर्ट

भोपाल
कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण का शिकार होने होने वालों में मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh) स्‍वास्‍थ्‍य विभाग (Health Department) के 47 अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं. विभाग में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का पहला मामला 3 अप्रैल को सामने आया था, जिसमें आईएएस जे. विजय कुमार (IAS J. Vijay Kumar) को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था. अगले ही दिन स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की अधिकारी वीणा सिन्हा (Veena Sinha) और प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल (Pallavi Jain Govil) की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इसके बाद, विभाग में कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) कर्मियों की संख्‍या दिन-ब-दिन बढ़ती गई और 7 अप्रैल तक विभाग के 47 अधिकारी और कर्मचारियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया.

मध्‍य प्रदेश के प्रशासनिक अमले में हड़कंप तब मच गया, जब एम्‍स और गांधी मेडिकल कॉलेज के 22 डॉक्‍टर्स की रिपोर्ट में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो गई. कोरोना पॉजिटिव पाए गए डॉक्‍टर्स में भोपाल एम्‍स के 15 और गांधी मेडिकल कॉलेज के 7 डॉक्‍टर्स शामिल थे. वहीं स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के बाद डॉक्‍टर्स में कोरोना वायरस के संक्रमण की खबर ने मानवाधिकार आयोग को भी परेशान कर दिया. जिसके चलते, मानवाधिकार आयोग ने राज्‍य के मुख्‍य सचिव से इस बाबत विस्‍तृत रिपोर्ट तलब की थी. आज मुख्‍य सचिव कार्यालय द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को मानवाधिकार आयोग भेज दिया गया है.

मानवाधिक आयोग को रिपोर्ट भेजने से पहले मुख्‍य सचिव ने कोरोना संक्रमण से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों से उनका पक्ष बताने को कहा था. इसी क्रम में, भोपाल जिला कलेक्टर द्वारा मुख्‍य सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया था कि विभाग के कोरोना प्रभावित 47 अधिकारी, कर्मचारी और डॉक्टरों को गाइडलाइन के तहत आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. सभी को गाइडलाइन के तहत ही इलाज मुहैया कराया जा रहा है. अबतक अफसरों द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही प्रमाणित नहीं हुई है. जिला प्रशासन की रिपोर्ट में किसी भी तरीके से अफसरों को संक्रमण फैलाने के लिए दोषी नहीं माना गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *