30 रुपये का संतरा, 120 का दूध, 1100 रुपये किलो हुआ मटन, हालत खराब

 कराची
 
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के आम लोग फल, सब्जी और दूध खाने को तरस रहे हैं। पाकिस्तान की मुद्रा डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई, मंहगाई अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जिसके चलते वहां एक दर्जन संतरे 360 रुपये तो वहीं नीबू और सेब 400 रुपये किलो बिक रहे हैं। 

ये खाने-पीने की चीजों के भाव :

पाकिस्तान में उमर ओ कुरैशी नाम के शख्स ने फलों और सब्जियों की कीमत ट्वीट की। कुरैशी के मुताबिक, पाकिस्तान में अब फल और सब्जी खाना आम लोग के बस में नहीं। वहां 360 रुपये दर्जन संतरे, 150 रुपये दर्जन केले, नींबू और सेब 400 रुपये किलोग्राम बिक रहे हैं। वहीं मटन का भाव 1100 रुपये किलो तो चिकन 320 रुपये किलो पहुंच गया है, जबकि एक लीटर दूध के लिए 120 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।

राजनीतिक पार्टियों ने रीट्वीट किया : 

कुरेशी के इस ट्वीट को लेकर जमकर ट्रोल कर रहे हैं। वहीं भारत में भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने इसे रीट्वीट किया है। पाजीटिव मीडिया कम्युनिकेशन के सीईओ कुरैशी के ट्विटर पर दो लाख से अधिक फॉलोअर हैं। 

पाकिस्तान सरकार की पिछले सप्ताह ही अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के साथ छह अरब डॉलर के राहत पैकेज पर शुरुआती सहमति बनी है। आईएमएफ डील होने के चार दिन बाद ही पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था डगमगाती दिख रही है। शुक्रवार को पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 148 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इससे पहले रुपया इसी सप्ताह 141 प्रति डॉलर पर आया था। 

मंहगाई का कारण :- 

आईएमएफ के साथ शुरुआती करार में पाकिस्तान ने बाजार आधारित विनिमय दर का पालन करने की सहमति दी थी। पाकिस्तानी रुपये की इस गिरावट को आईएमएफ की बाजार आधारित विनिमय दर की शर्त का ही नतीजा माना जा रहा है। फिलहाल पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक विनिमय दरों को नियंत्रित करता है। 

20 फीसदी तक गिरावट :-

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में आई यह गिरावट पिछले पांच महीनों में सबसे ज्यादा है। पिछले वर्ष पाकिस्तान की मुद्रा में करीब 20 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है।  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी रुपया एशिया की 13 मुद्राओं में से सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है। 

मंहगाई रोकने को उठाए कदम 

मुद्रा अवमूल्यन रोकने के लिए इमरान खान की सरकार पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा विदेश यात्रा के वक्त साथ ले जाने वाली मुद्रा की वर्तमान सीमा 10,000 डॉलर से घटाकर 3,000 डॉलर करने पर विचार कर रही है।  सरकार ने उन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है, जो महंगे भाव पर डॉलर की बिक्री कर रही हैं। विश्लेषकों का कहना है कि रुपये की कीमत में गिरावट की पहले से ही आशंका थी क्योंकि सरकार ने आईएमएफ डील के तहत बैंक-बाजार व्यवस्था को राज्य के नियंत्रण से मुक्त करने पर सहमति दे दी। इमरान खान की सरकार ने रविवार को आईएमएफ कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए हैं। 

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