23 मई के बाद SP-BSP-RLD का कांग्रेस के साथ हो सकता है गठबंधन: खुर्शीद

 
कायमगंज(उप्र)

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने लोकसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी के सपा-बसपा-रालोद के साथ गठजोड़ होने को अपरिहार्य बताते हुए कहा है कि चुनाव नतीजे आने के बाद उत्तर प्रदेश के इस ‘गठबंधन' के पास कोई और विकल्प नहीं होगा। उत्तर प्रदेश की कांग्रेस इकाई के 2 बार प्रमुख रह चुके खुर्शीद ने कहा कि राज्य में पार्टी अच्छी स्थिति में है क्योंकि लोगों का क्षेत्रीय और राष्ट्रीय (दलों), दोनों विकल्पों से मोहभंग हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गठबंधन दलों के साथ मिलकर भाजपा का मुकाबला करने को इच्छुक थी।

खुर्शीद ने कायमगंज स्थित अपने आवास में दिए साक्षात्कार में कहा कि यदि ऐसा हुआ होता, तो भाजपा का खराब प्रदर्शन तय रहता। उन्होंने कहा कि लेकिन यदि वह (भाजपा) हमारे वोट बंटने के कारण फायदा उठाती है तो मुझे लगता है कि लोग बहुत ही सूझबूझ के साथ वोट डालेंगे और लोग इस बारे में सही जोड़-घटाव कर लेंगे कि भाजपा से निजात पाने के लिए उन्हें क्या करने की जरूरत है। खुर्शीद (66) फरूर्खाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं जिसके तहत कायमगंज विधानसभा क्षेत्र आता है।

फरूर्खाबाद में भाजपा के मौजूदा सांसद मुकेश राजपूत और बसपा के उम्मीदवार मनोज अग्रवाल के साथ उनका त्रिकोणीय मुकाबला है। यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद कांग्रेस और सपा -बसपा-रालोद साथ आ सकते हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक जवाबी सवाल करते हुए पूछा कि क्या कोई वजह है कि वे एकसाथ नहीं आएंगे? यदि कांग्रेस और उप्र का यह गठबंधन साथ नहीं आया तो इन लोगों (गठबंधन) के लिए क्या कहा जा सकता है? तब वे लोग बाहर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि वे लोग गठजोड़ के पक्ष में होंगे। मुझे लगता है कि यही उनका भी मकसद है।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस और उप्र गठबंधन केंद्र में साथ मिलकर सरकार बनाने में एक अहम भूमिका निभाएंगे, खुर्शीद ने कहा कि यह अपरिहार्य निष्कर्ष है, बशर्ते कि सपा-बसपा-रालोद- गठबंधन उस बात पर अडिग रहे जो उसने लोगों से कहा है। उन्होंने कहा कि उप्र में गठबंधन दलों ने कहा है कि वे भाजपा को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं और उसके लिए उनका कांग्रेस के साथ आना कोई ‘रॉकेट साइंस' नहीं है। कांग्रेस नेता कहा कि यदि वे लोग इस पर अभी बात नहीं करना चाहते हैं तो यह समझा जा सकता है क्योंकि वे चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मुझे लगता है कि 23 मई आने पर उनके (गठबंधन) लिए यह कहने के सिवा कोई और विकल्प नहीं होगा कि हम सब को साथ आना होगा।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद सपा-बसपा-रालोद के साथ गठजोड़ के विकल्प खुले हुए हैं। वहीं, सिंधिया की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) सूत्रों ने कहा था कि चुनाव के बाद के परिदृश्य के आधार पर कांग्रेस को साथ लेने के बारे में गठबंधन कोई फैसला करेगा। खुर्शीद ने कांग्रेस के युवा नेतृत्व-प्रियंका गांधी वाड्रा और सिंधिया की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी आगे के समय को लेकर आशावादी है। पूर्व विदेश मंत्री ने चुनाव प्रचार में पाकिस्तान का बार-बार उल्लेख करने को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उसने विदेश नीति पर चर्चा को हास्यास्पद स्तर पर ला दिया है।

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