213 रेत खदानों और 1844 शराब दुकानों के लिए बुलाए प्रस्ताव
भोपाल। कोरोना महामारी के बाद घोषित लाकडाउन के चलते बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और आर्थिक तंगी से जूझ रहे सरकारी खजाने को भरने की कवायद राज्य सरकार ने शुरु कर दी है। प्रदेश के 29 जिलों में देशी-विदेशी शराब की 1844 शराब दुकानों और होशंगाबाद, अशोकनगर, मंडला, उज्जैन और आगर मालवा जिलों की 213 रेत खदानों के लिए टेंडर सरकार ने जारी कर दिए है। 12 जून से इन टेंडरों के लिए ठेकेदारों से प्रस्ताव बुलाए गए है। प्रदेश में बीस जिले इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, देवास, बालाघाट, बैतूल, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, खंडवा, मंदसौर, रीवा, सागर, सतना, शहडोल, शिवपुरी, सिंगरौली, टीकमगढ़ की सभी शराब दुकाने और नौ जिलों शाजापुर, झाबुआ, होशंगाबाद, दमोह, मंडला, सिवनी, धार, अलीराजपुर और अनुपपूर में आंशिक रुप से शराब दुकानों की वर्ष की शेष अवधि के लिए दुकानों के संचालन के लिए प्रस्ताव बुलाए गए है। इस साल शराब ठेकेदारों द्वारा इन शराब दुकानों के ठेके सरेण्डर किए जाने से सरकार को 6691 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है। इस घाटे को पूरा करने वर्ष 20-21 के लिए 48 एकल समूहों में देशी-विदेशी शराब की 1844 दुकानों के ठेको के पुर्ननिष्पादन की प्रक्रिया की जा रही है।
तीन साल के लिए देंगे रेत के ठेके
प्रदेश के पांच जिलों में रेत खदानों के लिए भी सरकार ने प्रस्ताव बुलाए है। इन खदानों के संचालन के लिए 11 जुलाई अंतिम तिथि है। होशंगाबाद में 118 समूहों के 110 करोड़ के ठेके होना है। इसके अलावा अशोकनगर में छह समूहों के 13 लाख 75 हजार के, मंडला में 26 समूहों के 11 करोड़ के, उज्जैन में 52 समूहों के 1 करोड़ 68 लाख 75 हजार के और आगर मालवा में 11 समूहों के 75 लाख रुपए की रेत खदानों के संचालन के लिए प्रस्ताव बुलाए गए है। ये ठेके तीन साल के लिए दिए जाएंगे। 30 जून 2023 तक की अवधि तक ठेकेदार इन खदानों से रेत उत्खनन कर सकेंगे।