2019 लोकसभा चुनाव नतीजों को लेकर असमंजस में हैं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत?

 
नागपुर 

राम मंदिर का मसला बीजेपी के लिए गले की फांस बनता नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिलहाल अध्यादेश न लाने के बयान के बाद से हिंदूवादी संगठन आलोचना कर रहे हैं। आरएसएस भी नाराजगी जाहिर कर चुका है। हालात यह हैं कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आगामी 2019 लोकसभा चुनाव के परिणामों को लेकर निश्चित ही नहीं हैं।  
 
नागपुर के सेवादान स्कूल के एक इवेंट में अपने भाषण के दौरान भागवत ने कहा कि वह लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर निश्चित नहीं हैं। वहीं पत्रकारों से बातचीत में भागवत ने कहा कि वह आरएसएस महासचिव भैयाजी जोशी के बयान का समर्थन करते हैं जो प्रधानमंत्री के इंटरव्यू के बाद आया था। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री चाहे जो भी कहें, मेरा इस मुद्दे पर स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है।' 

'राम मंदिर पर आरएसएस अपने रवैये पर अडिग' 
उन्होंने आगे कहा, 'हमारी भगवान राम में आस्था है और अयोध्या में राम मंदिर ही बनना चाहिए ऐसा मजबूत विश्वास है।' बता दें कि भैयाजी जोशी ने राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी के बयान के बाद मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आरएसएस अपने रवैये पर अडिग है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए कानून पारित किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें पीएम मोदी के बयान के बारे में नहीं पता है लेकिन देश में हर कोई चाहता है कि राम मंदिर का निर्माण हो। 

अब मोहन भागवत ने भी भैयाजी जोशी के बयान को समर्थन दे दिया है। हालांकि पीएम मोदी के इंटरव्यू के तुरंत बाद आरएसएस के ट्विटर हैंडल से जो ट्वीट किया गया, वह पीएम मोदी के बयान का समर्थन करता है। इसमें लिखा था, 'हमें लगता है कि पीएम का बयान मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। प्रधानमंत्री का अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में फिर से दोहराना यह बीजेपी के पालमपुर अधिवेशन (1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है।' 

'अदालत के फैसले के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं' 
इससे पहले, विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने कहा कि हिन्दू राम मंदिर पर अदालत के फैसले के लिए अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकते और इसके निर्माण की दिशा में आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कानून बनाना है। 
 

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