2 फेज के चुनाव बाकी, लेकिन क्षेत्रीय दल अभी से दिल्ली के लिए बिठा रहे समीकरण

 
नई दिल्ली 

लोकसभा चुनाव के 2 चरणों का मतदान अभी बाकी है और नतीजे 23 मई को आनेवाले हैं। इस बीच कई क्षेत्रीय पार्टी गठबंधन सरकार की संभावना खंगालते हुए दिल्ली में अपने समीकरण बिठा रहे हैं। कुछ क्षेत्रीय पार्टी नतीजों से पहले ही अपने लिए मंच तैयार कर रही हैं और इस मौके को भुनाने की जुगत में हैं। गठबंधन सरकार की सूरत में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही सहयोगियों की जरूरत होगी।  
 
तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव और वाईएसआर कांग्रेस चीफ वाई एस जगनमोहन रेड्डी संयुक्त तौर पर 30-प्लस क्लब पर काम कर रहे हैं। अभी तक के अनुमान में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दोनों पार्टियों को अच्छी सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है। रेड्डी रविवार को विदेश से वापस लौटनेवाले हैं और इस बीच केसीआर लगातार क्षेत्रीय दलों के नेताओं के साथ संपर्क में हैं। दोनों पार्टियों के क्षेत्रीय विरोधी चंद्रबाबू नायडू लगातार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। नायडू टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के संपर्क में भी हैं। हालांकि, अब यह देखना होगा कि चुनावों के बाद नायडू की पार्टी को कितनी सीटें मिलती हैं क्योंकि किंगमेकर बनने की उनकी ख्वाहिश सीटों की संख्या पर ही निर्भर करती है। 
 
टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस के पास समर्थन का एक आधार भी है क्योंकि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की रेड्डी की मांग का राव समर्थन कर रहे हैं। वाईएसआर कांग्रेस के नैशनल जनरल सेक्रेटरी विजयवसाई रेड्डी का कहना है, 'टीआरएस ने खुले तौर पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की हमारी मांग का समर्थन किया है। जगनमोहन रेड्डी ने स्पष्ट कहा है कि केंद्र में हम उसी सरकार का समर्थन करेंगे जो विशेष राज्य के दर्जे के लिए सहमत हैं। अभी तक तो बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही इस मोर्चे पर हमें निराश किया है।' 
 
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत लगातार क्षेत्रीय पार्टियों के संपर्क में हैं। ऐसी भी सूचना है कि नतीजों के दिन ये क्षेत्रीय पार्टियां दिल्ली में ही शक्ति प्रदर्शन के लिए मौजूद रह सकती हैं। राष्ट्रपति भवन से सरकार बनाने के लिए मिलनेवाले निमंत्रण के बाद दिल्ली में अपने लिए समीकरण तय करने के लिए कई पार्टियां यहां मौजूद रहेंगी। 
 
बीजेपी के ज्यादातर नेता अभी भी 300 के पार जाने का दावा कर रहे हैं जबकि पार्टी महासचिव राम माधव ने कहा है कि चुनावों के बाद नए गठबंधन सहयोगियों की जरूरत हो सकती है। बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत का भी कहना है कि बीजेपी 2014 वाली जीत नहीं दोहरा सकती। गठबंधन सरकार की स्थिति में डीएमके, तृणमूल और बीजेडी भी निर्णायक भूमिका निभा सकती है। 

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