16 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा GSLV-F10

श्रीहरिकोटा

भारतीय स्पेस एजेंसी 5 मार्च को भारत का पहला जियो इमेजिंग सैटलाइट लॉन्च करने जा रही है। GSLV-F10 की मदद से इसे 5 मार्च को लॉन्च किया जाएगा। भारतीय महाद्वीप पर नजर रखने के साथ-साथ यह सैटलाइट कृषि, मौसम विज्ञान, आपदाओं और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में भारत को काफी आगे ले जाएगा। यह सैटलाइट रियल टाइम में काफी तेजी से तस्वीरें देने में सक्षम है।

5 मार्च को होगी लॉन्चिंग

इसरो 5 मार्च को अपना जियो इमेजिंग सैटलाइट (GISAT-1) लॉन्च करेगा। इसे पीएसएलवी एफ-10 से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग के लिए सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्चिंग पैड का इस्तेमाल किया जाएगा। लॉन्चिंग का संभावित समय शाम 5 बजकर 43 मिनट रखा गया है।

लॉन्चिंग वीइकल बनाएगा रेकॉर्ड

इसरो के मुताबिक, यह जीएसएलवी की 14वीं लॉन्चिंग होगी। सैटलाइट और लॉन्चिंग वीइकल को मिलाकर GSLV-F10 की ऊंचाई लगभग 16 मंजिला बिल्डिंग जितनी है। वहीं, पूरे लॉन्चिंग वीइकल का वजन लगभग 4,20,300 किलोग्राम के आसपास है।

पहली बार जाएगा गुंबदनुमा पेलोड

पहली बार ऐसा होगा, जब चार मीटर व्यास वाले गुंबदनुमा पेलोड को पीएसएलवी से लॉन्च किया जाएगा। इस हिस्से को सैटलाइट के सबसे आगे फिट किया गया है। इसी में GISAT-1 को भी रखा गया है, जिसे पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाना है।

2268 किलोग्राम है सैटलाइट का वजन

घिसट-1 सैटलाइट का वजन 2268 किलोग्राम के आसपास है। यह सैटलाइट धरती का चक्कर लगाते हुए तस्वीरें भेजेगा। इससे भारतीय महाद्वीप पर और बेहतर नजर रखी जा सकेगी। यह रियल टाइम में बड़े एरिया की तस्वीरें दे सकता है।

क्या है GISAT-1 की खासियत

इसरो के मुताबिक GISAT-1 भारत का पहला ऐसा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटलाइट है, जो पृथ्वी की गति के अनुसार उसका चक्कर लगाते हुए काफी तेजी से तस्वीरें ले सकता है।इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े मामले में इसकी मदद से मॉनिटरिंग की जा सकती है। कृषि, मौसम पूर्वानुमान, बादल, ग्लेशियर, समुद्र, जंगल और मिनरल्स से जुड़े मामलों में भी यह सैटलाइट काफी कारगर होगा।

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