भगवान राम मुसलमानों के भी पूर्वज, अयोध्‍या में बनकर रहेगा मंदिर: बाबा रामदेव

नांदेड़
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि भगवान राम राष्‍ट्र के पूर्वज हैं, मात्र हिंदुओं और मुसलमानों के नहीं। उन्‍होंने कहा कि आस्‍था सबसे बड़ी चीज है और इस पर कुठाराघात नहीं करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर विवाद के आपसी सहमति से हल के लिए 'बिचौलिए' नियुक्‍त किए हैं लेकिन उनसे कुछ बड़ा परिणाम निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। बाबा रामदेव ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्‍व में राम मंदिर भी बनेगा और राम जैसा चरित्र भी बनेगा।

नांदेड़ में अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर योग कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने पहुंचे बाबा रामदेव ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हिंदू और मुसलमानों का डीएनए एक है। मुसलमान हमारे भाई हैं और हमारे पूर्वज एक हैं। राम केवल हिंदुओं के पूर्वज नहीं हैं, वह मुसलमानों के भी पूर्वज हैं। हमें अपने पूर्वजों का अनादर नहीं करना चाहिए। हिंदुओं और मुसलमानों को अपने पूर्वजों का गौरव बढ़ाना चाहिए।'

'राम मंदिर भी बनेगा और राम जैसा चरित्र भी'
उन्‍होंने कहा, 'राम मंदिर बनाने के दो तरीके हैं या तो सुप्रीम कोर्ट जल्‍द सुनवाई कर इसका फैसला दे। सुप्रीम कोर्ट ने बिचौलियों को लगाया है लेकिन लगता नहीं है कि उनसे कुछ बड़ा परिणाम आएगा। आस्‍था सबसे बड़ी चीज है और इस पर कुठाराघात नहीं करना चाहिए। दूसरा विकल्‍प यह है कि जनता खुद ही बनाना शुरू कर दे लेकिन तब लोग इस पर सवाल उठाना शुरू कर देंगे।'

बाबा रामदेव ने कहा, 'मुझे विश्‍वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्‍व में राम मंदिर भी बनेगा और राम जैसा चरित्र भी बनेगा।' बता दें कि राम मंदिर को लेकर संतों ने केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाना तेज कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद ने गुरुवार को हरिद्वार में एक प्रस्ताव पारित करते हुए केंद्र से रामभक्तों की आशाओं के अनुरूप अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को अतिशीघ्र दूर करने का आह्वान किया।

मंदिर को भव्यता देने का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ हो: वीएचपी
वीएचपी के केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन अयोध्या में रामजन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का मामला छाया रहा। देशभर से आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार आए संतों का कहना था कि मंदिर को भव्यता देने का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ होना चाहिए। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि, 'देश का संत समाज सरकार से आह्वान करता है कि भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में आने वाली समस्त बाधाओं को अतिशीघ्र दूर करे जिससे करोड़ों राम भक्तों की आशाओं के अनुरूप श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर का निर्माण हो सके।’

प्रस्ताव में कहा गया है कि 'श्रीराम जन्मभूमि न्यास’ ही मन्दिर का निर्माण करेगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि न्यायपालिका को भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए। उसमें कहा गया है कि यह विषय राष्ट्रीय महत्व का होने के बावजूद 2011 से उच्चतम न्यायालय में लंबित है। प्रस्ताव में कहा गया है कि संतों के मार्गदर्शन में 1984 से विहिप राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्षरत है और अब इस राष्ट्रीय कार्य में किसी भी प्रकार का विलम्ब उचित नहीं है।

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