106 दिन बाद सलाखों से बाहर आएंगे चिदंबरम, सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

नई दिल्ली
आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में बीते 107 दिनों से हिरासत में चल रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख रुपये के मुचलके और बिना इजाजत विदेश न जाने की शर्त पर जमानत दे दी है। अब वह जल्द ही तिहाड़ जेल से बाहर आ सकेंगे। अदालत ने कहा कि चिदंबरम जमानत पर छूटने के बाद गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नही करेंगे और कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नही जाएंगे। साथ ही केस के बारे में प्रेस ब्रीफ़िंग नही करेंगे।

कोर्ट ने कहा, केस गंभीर लेकिन जमानत का नियम
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक अपराध काफी गंभीर अपराध होते हैं, लेकिन जमानत का भी कानूनी प्रावधान हैं। कोर्ट ने कहा, 'जमानत का फैसला केस की मेरिट पर निर्भर करता है। जमानत देना कानून के प्रावधान में है।' कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है।

ईडी ने कहा था गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं चिदंबरम
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्हें आईएनएक्स मीडिया करप्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है अब मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिली है। आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने जमानत अर्जीका विरोध किया था और कहा था कि गवाहों को प्रभावित किए जाने का खतरा है। आरोपी चिंदबरम जेल में रहते हुए भी गवाहों पर प्रभाव रखते हैं।

'12 बैंक खातों में जमा है मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी रकम'
ईडी की ओर से दलील दी गई कि 12 बैंक अकाउंटों की पहचान की गई है, जिसमें अपराध से संबंधित रकम जमा की गई है। दूसरे देशों में संपत्ति खरीदे जाने का भी डिटेल है। तुषार मेहता ने दलील दी थी कि आर्थिक अपराध भी गंभीर अपराध है और इससे समाज प्रभावित होता है।देश से बाहर बेनामी संपत्ति है और ये याचिकाकर्ता के परिवार से जुड़ा हो सकता है. संपत्ति इनसे और अन्य सह आरोपियों से जुड़ा हो सकता है। अदालत में मेहता ने दलील दी कि अगर चिदंबरम को जमानत दी गई तो गवाह खतरे में आ सकते हैं।

पात्रा ने कसा तंज, कहा- बेल पर निकले नेताओं के क्लब में जुड़े
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एक तरफ कांग्रेस पार्टी ने सत्य की जीत करार देते हुए सत्यमेव जयते लिखकर ट्वीट किया है तो बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि आखिरकार पी. चिदंबरम भी जमानत पर बाहर लोगों के क्लब का हिस्सा बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोनिया, राहुल, प्रियकां गांधी और रॉबर्ट वाड्रा समेत नेताओं की सूची भी जारी की, जिन्हें किसी न किसी मामले में कोर्ट से बेल मिली है।

कोर्ट के फैसले से पहले कार्ति ने कहा, 'पॉजिटिव खबर की उम्मीद'
कांग्रेस नेता और चर्चित वकील कपिल सिब्बल से मुलाकात के बाद कार्ति ने कहा, 'आज का दिन हमारे लिए पॉजिटिव रहेगा। उम्मीद है कि कुछ अच्छी खबर सुनने मिलेगी।' जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने 28 नवंबर को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अगस्त महीने में कांग्रेस नेता को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। पिछले 107 दिनों से चिदंबरम हिरासत में ही हैं। इससे पहले आईएनएक्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में ही उनके बेटे कार्ति को भी कुछ दिन जेल में बिताना पड़ चुका है।

CBI ने गवाहों को प्रभावित करने का हवाला देकर विरोध किया था बेल का
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि चिदंबरम की महज उपस्थिति ही गवाहों को डराने-धमकाने के लिए काफी है, उन्हें कम से कम तब तक जमानत नहीं दी जाए जब तक अहम गवाहों से पूछताछ नहीं हो जाती। सीबीआई ने कहा, 'आज ऐसा दौर है जब आर्थिक अपराधों के आरोपी देश से भाग रहे हैं, एक राष्ट्र के रूप में हम इस समस्या से जूझ रहे हैं।' सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी है और सिंगापुर तथा मॉरीशस को भेजे गए आग्रह पत्र पर जवाब का इंतजार किया जा रहा है।

 

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