10,000 करोड़ का तिमाही मुनाफा कमाने वाली देश की पहली कंपनी बनी RIL

 
मुंबई 

पेट्रोकेमिकल, टेलिकॉम और रिटेल सेक्टर में दमदार ग्रोथ की बदौलत रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई, जिसका तिमाही मुनाफा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। अक्टूबर-दिसंबर 2018 तिमाही में ऑयल-गैस प्रॉडक्शन में आई कमी और कमजोर रिफाइनिंग मार्जिन की भरपाई कंपनी के कंज्यूमर बिजनेस ने कर दी।  
 
कंपनी की ओर से जारी रिलीज के अनुसार, पेट्रोरसायन, खुदरा और दूरसंचार कारोबार से रेकॉर्ड आमदनी की वजह से कंपनी अपने रिफाइनरी मार्जिन में आई गिरावट की भरपाई करने में सफल रही। पेट्रोलियम से लेकर दूरसंचार सहित कई कारोबार करने वाली आरआईएल का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.8 प्रतिशत बढ़कर 10,251 करोड़ रुपये या 17.30 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया। 
 
10 हजार करोड़ से अधिक प्रॉफिट वाली पहली निजी कंपनी 
इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में मुनाफा 9,420 करोड़ रुपये या 16 रुपये प्रति शेयर रहा था। यह निजी क्षेत्र की किसी कंपनी का सबसे ऊंचा तिमाही मुनाफा है। इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आइल कॉरपोरेशन (आईओसी) किसी तिमाही में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी है। आईओसी ने 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में 14,512.81 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हासिल किया था। आईओसी को पूरे साल की ईंधन सब्सिडी एक तिमाही में मिलने की वजह से उसका मुनाफा असामान्य रूप से बढ़ गया था। 

कारोबार 56 फीसदी बढ़ा 
आलोच्य तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कारोबार 56 प्रतिशत बढ़कर 1,71,336 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने तिमाही के दौरान कई और खुदरा स्टोर खोले और उसकी जियो मोबाइल सेवा के ग्राहकों की संख्या में 2.8 करोड़ का इजाफा हुआ जिससे कंपनी के दूरसंचार कारोबार का मुनाफा बढ़ा है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से कंपनी के परंपरागत तेल रिफाइनिंग कारोबार का मार्जिन दबाव में रहा। 

मुकेश अंबानी ने कहा… 
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि अपने देश और अंशधारकों के लिए अधिक मूल्य सृजन के प्रयासों के बीच हमारी कंपनी 10,000 करोड़ रुपये का तिमाही मुनाफा कमाने वाली निजी क्षेत्र की पहली कंपनी बन गई है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव के बीच कंपनी ने एकीकृत आधार पर मजबूत तिमाही नतीजे दिए हैं। 

उन्होंने कहा कि कंपनी ने खुदरा और दूरसंचार कारोबार में तेज वृद्धि की रफ्तार को कायम रखा। कंपनी के खुदरा कारोबार का कर पूर्व लाभ 210 प्रतिशत बढ़कर 1,512 करोड़ रुपये हो गया। देश के 6,400 शहरों और कस्बों में कंपनी के 9,907 स्टोर हैं। त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत बिक्री तथा नए स्टोर खोलने की वजह से कंपनी के खुदरा कारोबार का मुनाफा बढ़ा है। 

रिफाइनरी मार्जिन में कमी 
दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी परिसर की परिचालक की टैक्स पूर्व आय में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट रही। तिमाही के दौरान टैक्स पूर्व आय 18 प्रतिशत घटकर 5,055 करोड़ रुपये रह गई। कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 8.8 डॉलर की कमाई हुई। पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर 2017 की तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 11.6 डॉलर प्रति बैरल था। 

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 9.5 डॉलर प्रति बैरल रहा था। तीसरी तिमाही में कंपनी के तेल एवं गैस कारोबार का का कर पूर्व घाटा कम होकर 185 करोड़ रुपये पर आ गया जो दूसरी तिमाही में 480 करोड़ रुपये और पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 291 करोड़ रुपये पर था। 

नकदी बढ़ी 
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसने प्रमुख निवेश चक्र को पूरा कर लिया है। 31 दिसंबर, 2018 को कंपनी का बकाया ऋण बढ़कर 2,74,381 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 2,58,701 करोड़ रुपये और 31 मार्च को समाप्त तिमाही में 2,18,763 करोड़ रुपये था। कंपनी के पास उपलब्ध नकदी तिमाही के दौरान मामूली बढ़कर 77,933 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछली तिमाही में 76,740 करोड़ रुपये थी। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *